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रीवा में BRC का पद चला रहे BAC, कई जगह पदस्थापना नहीं होने से कामकाज प्रभावित
एमपी के रीवा जिले में बीआरसी के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिन पर अब तक पदस्थापना नहीं की जा सकी है। कई जगह इन पदों का संचालन बीएसी कर रहे हैं। कई ब्लॉकों में बीआरसी की पदस्थापना नहीं होने से इसका सीधा असर कामकाज पर पड़ रहा है। इससे जहां विभागीय गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं तो वहीं स्कूलों का सही तरीके से संचालन भी नहीं हो पा रहा है।
कई ब्लॉकों में रिक्त हैं बीआरसी के पद
जिला शिक्षा केन्द्र अंतर्गत रीवा जिले के अंदर कई बीआरसी के पद खाली पड़े हैं। जिन पद पदस्थापना नहीं हो सकी है। कई जगह आरसी के पद का संचालन बीएसी कर रहे हैं। जिसकी वजह से कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। रीवा को छोड़कर सभी ने करीब डेढ़ वर्ष पहले राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे किंतु यह मामला न्यायालय में चला गया जिसकी वजह से यथास्थिति बनी हुई है। रीवा और त्योंथर का मामला इससे अलग है। ऐसी स्थिति में यहां बीआरसी के पदों की पूर्ति बीएसी के माध्यम से की जा रही है। बीएसी को बीआरसी का पद प्रभार में दे दिया गया है।
स्थायी बीआरसी नियुक्ति का मामला अटका
स्थायी बीआरसी नियुक्ति का मामला अब तक राज्य शिक्षा केन्द्र में अटका हुआ है। बीआरसी जैसे महत्वपूर्ण पद प्रभार पर होने के कारण जहां विभागीय गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं तो वहीं स्कूलों का सही तरीके से संचालन भी नहीं हो पा रहा है। जिले में जितने भी बीआरसीसी पदस्थ हैं उनके संबंध में माना जा रहा है कि बीआरसी और कुछ एपीसी तत्कालीन समय में आयोजित की गई परीक्षा में शामिल हुए थे। जिसके बाद इन्होंने न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। ऐसी स्थिति में परीक्षा के बाद पदस्थापना संबंधी आदेश जारी नहीं हो पाए। यह मामला अभी भी न्यायालय में चल रहा है। यही वजह है कि नए बीआरसी की पदस्थापना अब तक नहीं हो सकी है।
रीवा और त्योंथर में यह है स्थिति
रीवा और त्योंथर के बीआरसी का मामला कुछ हटकर है। दोनों स्थानों में ही बीआरसी के पदों पर पदस्थ पूर्व अधिकारी इधर से उधर हो चुके हैं। जिसके कारण नए बीआरसी की पदस्थापना राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा में मेरिट लिस्ट के आधार पर की जा सकती है। इसका निर्णय राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा ही लिया जाना है। बावजूद इसके बीएसी ही बीआरसी का दायित्व निभा रहे हैं।
पठन-पाठन पर पड़ेगा असर
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों का पंजीयन कार्य शुरू किया गया है। उन छात्रों को विशेष तौर पर स्कूल के लिए प्रेरित किया जाना है जो पढ़ाई छोड़कर अन्य कार्यों में लगे हुए हैं। बीआरसी की पदस्थापना नहीं होने से नवीन शैक्षणिक सत्र में इसका असर पठन-पाठन पर पड़ेगा। जिस तरह से बीआरसी का पद बीएसी चला रहे हैं उससे स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर कामकाज काफी प्रभावित होगा।