- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- सामने आया रीवा...
रीवा
सामने आया रीवा राजघराने का एक और वारिस ? सम्पति पर जताया हक़...
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:53 AM IST
x
सामने आया रीवा राजघराने का एक और वारिस ? सम्पति पर जताया हक़...रीवा : राजघराने का एक और वारिस तैयार हो गया है इस वारिस के
सामने आया रीवा राजघराने का एक और वारिस ? सम्पति पर जताया हक़...
रीवा : राजघराने का एक और वारिस तैयार हो गया है इस वारिस के द्वारा खुद को महाराजा वेंकटरमण सिंह जूदेव का वंशज बताया जा रहा है दिलचस्प यह कि राजघराने का वंशज बताने वाला व्यक्ति जाति का चौधरी है और उसने एससीएसटी कोटे के तहत पुलिस विभाग में नौकरी भी कर रहा है.फीस माफ़ी एवं जनरल प्रमोशन के लिए एपीएस विवि के छात्र-छात्रों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा
रीवा राजघराने का वंशज बताने वाला मनगवां थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुखलाल सिंह चौधरी निवासी अमरपाटन जिला सतना के द्वारा मनगवां के अनुविभागीय अधिकारी तहसील कार्यालय में सुखलाल सिंह राजा साहब पिता स्वर्गीय ठाकुर चुनवादी लाल सिंह चौधरी पेसा नौकरी उम्र 50 साल के द्वारा न्यायिक प्रतिवेदन दर्ज कराते हुए कहा है कि हम राजा वेंकटरमन सिंह जूदेव के वंशज हैं और न्याय प्रतिवेदन में एक खानदानी सजरा भी प्रस्तुत किया है. इस सजरा में विधिवत लिखा है कि महाराजा वेंकट रमन सिंह के तीसरी पत्नी महारानी गुलाब कुमारी उर्फ गुरखी भाई राठौर वंशी से पैदा हुए महाराजा बुधिया राम रमण देव पुत्र पथ सुनंदा कुमारी पत्नी ठाकुर चुनवा दी लाल सिंह चौधरी पुत्र पथ राजकुमारी सूर्यवंशी का पुत्र सुखलाल सिंह चौधरी हूं जिसके तहत राजघराने का हिस्सा बांट बंटवारे के तहत मेरे बाबा बुधिया राम रावण देव को मौजा भूमिया दी गई है. जिसके तहत जिले व जिले के बाहर कई कोठी गढ़ी तालाब हजारों एकड़ की जमीन बंटवारे में दी गई है.पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के अपील पर अभिनेता सोनू सूद ने मुंबई में फंसे मजदूरों को रीवा भिजवाया
वादी सुखलाल चौधरी के द्वारा महाराज गुलाब सिंह जूदेव निपात पर पुष्टि दिनांक 18 साथ 1939 दिनांक 17. 1939 को लिख कर दिया था जिसमें जीवन काल तक उक्त वाद ग्रस्त मौजा आराजी के बतौर भूमि स्वामी काबिज दाखिल रहे और उनके मृत्यु के बाद निरंतर उनके बरसाना स्वर्गीय ठाकुर चुनवादी लाल सिंह चौधरी हुए. इस तरह का लेख महाराजा गुलाब सिंह के आदेशानुसार उनके सिक्केट्री के द्वारा लिखा प्रस्तुत किया गया है. इस लेख की सच्चाई क्या है इसकी पड़ताल नहीं की जा रही है लेकिन यदि जानकारों की माने तो इस लेख में संदेह की भी स्थिति है अब लेख सही है या गलत है इसका निराकरण तो संबंधित न्यायालय ही करेगा परंतु जिस तरह से मनगवां थाना में पदस्थ रहकर प्रधान आरक्षक सुखलाल सिंह चौधरी उर्फ राजा साहब के द्वारा प्रस्तुत कर मनगवां के खँडहर किला या गढ़ी सहित 700 एकड़ से अधिक की भूमि स्वयं का होने का दावा किया जा रहा है वह चर्चाओं में है.कोरोना से जंग जीत कर रीवा में 3 रोगी और हुये स्वस्थ्य, ख़ुशी की लहर
जानकारों की माने तो सुखलाल चौधरी के द्वारा प्रस्तुत दावों के अनुसार महाराज पुष्पराज सिंह इनके सौतेले भाई का रिश्ता कहा जा सकता है ? अब सवाल उठता है कि वह राजवंशी परिवार और यह चौधरी परिवार का मेल कहां तक सत्य व सही हो सकता है यह तो गहन जांच का विषय है. फिलहाल प्रधान आरक्षक सुखलाल सिंह राजा साहब के दावों की चर्चाएं हर गली कूचो में है और अब ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है की भूमि संबंधित मनगवां थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक व आम जनों के बीच विवाद की स्थिति बनती जा रही है बावजूद ऐसे मामलों में प्रशासन भी मौन में है. इस तरह का प्रकरण रीवा में चल रहा है. मनगवां तहसील में किसी प्रकरण के चलने की जानकारी नही है उक्त व्यक्ति के अनुसार स्वर्गीय व्यंकट रमण सिंह से उनके परदादी के सम्बन्ध थे. जिसका कोई भी रिकॉर्ड लिखित में नहीं है. न कि इनके पिछली तीन पुस्तो ने दावा किया है. अतः यह कहानी पूरी मनगढंत है. महाराजा पुष्पराज सिंह, राजघराना सुखलाल चौधरी द्वारा न्यायालयीन अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है. जिसमे कई जमीनों और मनगवां की गढ़ी को खुद का होना बताया गया है आवेदन में एक साजरा भी प्रस्तुत किया गया है. लेकिन तकनीकी आधार पर ये आवेदन प्रस्तुत नहीं हो सकता है. उन्हें सिविल कोर्ट में आवेदन करना होगा। लिहाजा प्रकरण को दर्ज नहीं किया गया है. एके सिंह, एसडीएम मनगवां ,रीवाAPSU Exam Form : विश्वविद्यालय ने परीक्षा फार्म भरने की तिथि जारी की
Aaryan Dwivedi
Next Story