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रीवा में मासूम मयंक की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट पर, गांव-गांव पहुंच रहे अधिकारी, खुले बोरवेल को कराया जा रहा बंद
रीवा में खुले बोरवेल में गिरने से मयंक की मौत हुई थी.
रीवा. ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल व्यवस्था का प्रमुख आधार ट्यूबवेल और बोरवेल हैं। इनमें से अनुपयोगी और खुले बोरवेल दुर्घटना का कारण बनते हैं। जिले के गांव-गांव जाकर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा खुले बोरवेलों की खोज की जा रही है। साथ ही उनको बंद कराया जा रहा है। दअसल, मासूम मयंक की मौत के बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जनपद के सीइओ, मुख्य नगर पालिका अधिकारियों तथा पीएचई के अधिकारियों को अनुपयोगी बोरवेल बंद कराने के निर्देश 30 अप्रेल तक दिए हैं। अब अधिकारियों द्वारा जिलेभर में भ्रमण कर अनुपयोगी और खुले ट्यूबवेल बंद कराए जा रहे हैं।
खुले बोरवेल बंद कराने के निर्देश
एसडीएम गुढ़ अनुराग तिवारी ने क्षेत्र का भ्रमण कर अनुपयोगी बोरवेल बंद कराने के निर्देश दिए। तहसील सेमरिया में नायब तहसीलदार आंचल अग्रहरी ने ग्राम डढ़िया तथा ग्राम तिघरा में बोरवेलों का निरीक्षण किया। तीन बोरवेल खुले पाए गए। बोरवेल मालिकों को इन्हें तत्काल बंद कराने को कहा। ग्राम तिघरा में बिना जगत के खुले कुएं को बंद कराने का भी निर्देश दिया। जनपद पंचायत के सीइओ एबी खरे ने ग्राम पंचायत पटेहरा में खुले बोरवेलों का निरीक्षण किया और दो बोरवेल बंद कराए। ग्राम लौरकला में जनपद के सीईओ विनोद पाण्डेय ने अनुपयोगी बोरवेल को बंद कराया। एसडीएम मनगवां पीएस त्रिपाठी ने भी तीन गांव का भ्रमण कर अनुपयोगी बोरवेल बंद कराए।
तहसीलदार ने खुले बोरवेलोन का किया निरीक्षण
तहसीलदार हुजूर शिवशंकर शुक्ला ने ग्राम सगरा में कूपों और खुले बोरवेलों का निरीक्षण किया। सगरा में भूमिस्वामी उमाकांत मिश्रा को खुले कूप में जगत बनाकर उसे सुरक्षित करने के निर्देश दिए। नदहा में भी नायब तहसीलदार ने बोरवेल का निरीक्षण किया। एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने ग्राम तिघरा में बोरवेलों का निरीक्षण किया। उन्होंने दो अनुपयोगी बोरवेलों को तत्काल बंद कराने के निर्देश दिये। जिले भर में अधिकारी भ्रमण करके अनुपयोगी बोरवेलों को बंद करा रहे हैं।