- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- रीवा की 40 अवैध...
रीवा की 40 अवैध कॉलोनियां हुईं वैध, फटाफट चेक करिए कहीं आपकी कॉलोनी भी तो शामिल नहीं, यह लगेगा विकास शुल्क
एमपी रीवा के उन रहवासियों के लिए सुकून भरी खबर है जो अभी तक अवैध कॉलोनियों में निवास करते थे। अब उन्हें चिंता करने की आवश्यकता है उनकी कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए उनको विकास शुल्क जमा करना होगा। नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया लम्बे समय से चल रही थी किंतु इसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था।
नगर निगम ने 40 कॉलोनियों को किया वैध
रीवा शहर के 40 कॉलोनाइजर्स ने भूखंडों को बेचकर जमकर कमाई की। इन अवैध कॉलोनियों में निवासरत लोग अब इनको वैध करवा सकते हैं। जिसके लिए नगर निगम द्वारा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए उनको विकास शुल्क जमा करना होगा। जिसका निर्धारण भी नगर निगम द्वारा कर लिया है। नगर निगम ने शहर की 40 कॉलोनियों को वैध कर दिया है। इन कॉलोनियों में अब नगर निगम ने भवन अनुज्ञा के साथ-साथ कंपाउंडिंग की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। विकास शुल्क जमा कर यहां रहने वाले लोग वैध कॉलोनियों की सुविधाएं पा सकेंगे।
यह लगेगा विकास शुल्क
नगर निगम ने शहर की 40 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। जिसके लिए अलग-अलग कॉलोनी के हिसाब से अलग-अलग विकास शुल्क का निर्धारण नगर निगम द्वारा किया गया है। 18 रुपए से लेकर 46 रुपए तक का विकास शुल्क निर्धारित किया गया है। यह शुल्क की 50 प्रतिशत राशि है। यह उन कॉलोनियों में लागू होगी जहां 70 प्रतिशत से अधिक बड़े प्लॉट काटे गए हैं। जहां 70 प्रतिशत से अधिक छोटे प्लॉट हैं उनमें निर्धारित राशि की 20 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी। यानि कि 7 रुपए से लेकर 18 रुपए तक का शुल्क देना होगा। बड़े प्लॉट में यह राशि 50 प्रतिशत नगर निगम और छोटे प्लॉट में बकाया 80 प्रतिशत राशि नगर निगम द्वारा दी जाएगी। इसकी जानकारी नगर निगम द्वारा दी जाएगी कि किस प्लाटिंग में बड़े अथवा छोटे प्लॉट ज्यादा हैं।
प्लॉट खरीदने वालों पर डाला बोझ
नगर निगम द्वारा पहले भी 99 अवैध कॉलोनियों को वैध करने अंतिम प्रकाशन वर्ष 2018 में किया था। किंतु अब नए नियम के तहत फिर से प्रकाशन कर दावा आपत्ति नहीं आने के बाद इन कॉलोनियों को वेध किया गया है। जिसका सीधा बोझ प्लॉट खरीदने वाले लोगों पर पड़ेगा। अवैध कॉलोनियों को वैध कर प्लॉट खरीदने वालों को तो विकास शुल्क का निर्धारण तो नगर निगम द्वारा कर दिया गया। किंतु इन कॉलोनियों को बसाने वाले अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। निगम प्रशासन द्वारा उन पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि भूखंड के 10 प्रतिशत पार्क के एरिया का भुगतान जो कॉलोनियों में नहीं छोड़ा गया है वह कॉलोनाइजरों को कलेक्ट्रेड गाइड लाइन के रेट पर करना होगा। हालांकि यह राशि विकास शुल्क जमा कराने के बाद की जाएगी।
यह कॉलोनियां हुईं वैध
रीवा नगर निगम ने जिन अवैध कॉलोनियों को वैध किया है उसमें जोन क्रमांक-1 अंतर्गत वार्ड 2 में कमलेश कॉलोनी विकासकर्ता कमलेश वर्मा में 24 रुपए प्रति वर्गफीट विकास शुल्क निर्धारित किया गया है। वार्ड 2 में ही शारदा कॉलोनी विकासकर्ता शारदा सिंह में 21 रुपए, वार्ड 3 में बृजमोहन कॉलोनी विकासकर्ता बृजमोहन ब्राह्मण में 24.50 रुपए, प्रेमवती कॉलोनी विकासकर्ता प्रेमवती शुक्ला में 18.50 रुपए विकास शुल्क रहवासियों को जमा करना होगा।
नगर निगम के जोन क्रमांक-2 में जिन कॉलोनिया को वैध किया गया है उसमें वार्ड 8 में आनंद कॉलोनी विकासकर्ता हरिहर प्रसाद में 26.50 रुपए, आशुतोष कॉलोनी विकासकर्ता मनोज्ञा सिंह में 34 रुपए, उपवन नगर 1-2-3 विकासकर्ता क्रमशः लाल अरिमर्दन सिंह, महेश चौरसिया, आशुतोष सिंह की कॉलोनी में क्रमशः 25.50 रुपए, 39.50 रुपए और 26.50 रुपए प्रति वर्ग फिट के हिसाब से विकास शुल्क जमा करना होगा।
नगर निगम रीवा के जोन क्रमांक-3 अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 में गुलाब नगर कॉलोनी विकासकर्ता राकेश कुमार मिश्रा, बृजेश, सुरेश, विनीत, बृजेन्द्र मिश्रा में 36 रुपए, वार्ड 15 में गंगापुरम कॉलोनी विकासकर्ता स्व. काजी सहित अन्य में 26 रुपए प्रति वर्गफिट के हिसाब से राशि निर्धारित की गई है।
रीवा नगर निगम के जोन क्रमांक-4 अंतर्गत वार्ड 44 में सिद्ध नगर 1, 2, 3 व 4 में विकासकर्ता क्रमशः महेश मिश्रा, राजकुमार पटेल, रामायण प्रताप सिंह और अनिल कुमार की इन चारों कॉलोनियों में 46 रुपए प्रति वर्गफिट के हिसाब से विकास शुल्क निर्धारित किया गया है। जबकि वार्ड क्रमांक 26 रामनिरंजन कॉलासेनी में विकास शुल्क का निर्धारण 20.50 रुपए तय किया गया है।
इनका कहना है
इस संबंध में नगर निगम के कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी के मुताबिक 40 अवैध कॉलोनियों को वैध कर उन पर भवन अनुज्ञा दी जा रही है। इसके साथ ही कम्पाउंडिंग भी प्रारंभ है। नगर निगम द्वारा कॉलोनी के हिसाब से दरों का निर्धारण कर दिया है। उनका कहना है कि यदि 70 प्रतिशत से अधिक छोटे प्लॉट हैं तो 20 प्रतिशत प्लॉट मालिक और 80 प्रतिशत राशि नगर निगम देगा। यदि 70 प्रतिशत से अधिक बड़े प्लॉट कॉलोनी में हैं तो 50 प्रतिशत प्लॉट मालिक व 50 प्रतिशत नगर निगम देगा। विकास शुल्क जमा कर वैध कॉलोनियों की तरह सुविधाएं लोगों को प्रदान की जाएंगी।