Politics: सिंधिया पर बोले सीएम भूपेश- कुछ तो मजबूरी रही होगी, वरना कोई यूं ही बेवफा नहीं होता
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा में बताया कि उनका दिल्ली दौरा राज्यसभा के प्रत्याशियों के चयन को लेकर है। मध्यप्रदेश में मचे सियासी तूफान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर सीएम भूपेश बघेल ने सधी हुई प्रक्रिया दी है। बघेल ने कहा बिल्ली के भाग से छींका नहीं फूटता, कांग्रेस से लोग शोर करते हुए जाते हैं और दुम दबा कर वापस आते हैं। इसके साथ ही बघेल ने एक शेर भी कहा, कुछ तो मजबूरी रही होगी वरना कोई यूं ही बेवफा नहीं होता।
कमलनाथ सरकार के जाने या बचने के सवाल पर बघेल ने कहा कि 'अभी कमलनाथ का पत्ता खुलना बाकी है।" मध्यप्रदेश से कांग्रेस कि विधायकों को छत्तीसगढ़ लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा आलाकमान का निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा।
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के ताजा घटनाक्रम पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मध्यप्रदेश के घटनाक्रम को देखते हुए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को इससे सीख लेने की सलाह दी है। जोगी ने अपने टि्वट में कहा- 17 दिसम्बर 2018 को तात्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ के जनादेश को समझते हुए सामूहिक नेतृत्व की बात कही थी। 15 महीनों में इस सामूहिक नेतृत्व का गला घोटने में कोई कसर नहीं छूटी है। एक को छोड़ बाकियों की क्या दुर्गति हुई है, किसी से छिपी नहीं है। इसका दुखद परिणाम प्रदेश की जनता रोज भुगत रही है।
मध्य प्रदेश की गलतियों से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सीख लेनी चाहिए। बहुमत कितना भी विशाल क्यों न हो, उसे लोकतंत्र अहंकार और तानाशाही में बदलने का अधिकार नहीं देता है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया बनने में देरी नहीं लगेगी।