Chhattisgarh Budget 2020 LIVE Update : आज खुलेगा भूपेश बघेल सरकार का दूसरा पिटारा
रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार मंगलवार को अपने पहले कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेगी. इस बजट के साथ ही यह भी स्पष्ट होगा कि सरकार का विजन क्या है. सरकार किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा फोकस करना चाहती है. गांव-गरीब और किसान की सरकार कही जाने वाली भूपेश सरकार को शहरी जनता और व्यापारियों को भी खास तौर से उम्मीदें हैं. वहीं राज्य की महिलाओं को महंगाई के साथ हीं अच्छी शिक्षा,बेहतर स्वास्थ्य संसाधन की अपेक्षा है. चालू वित्तीय वर्ष का मुख्य बजट 95 हजार 899 करोड़ 45 लाख रुपए का है. इस साल उम्मीद की जा रही है कि इस साल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट हो सकता है. सरकार आज वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट बतौर वित्त मंत्री सीएम भूपेश बघेल विधानसभा में पेश करेंगे. दो वित्तीय वर्ष से राज्य का कुल बजट एक लाख करोड़ के पार पहुंच रहा है. दो अनुपूरक बजट के साथ चालू वित्तीय वर्ष का बजट ही एक लाख करोड़ से अधिक का हो गया है. इस वर्ष का मूल बजट 95 हजार 899 करोड़ का था. इससे पहले वाले वित्तीय वर्ष में तीन अनुपूरक के बाद कुल बजट का आकार एक लाख 50 हजार करोड़ से अधिक का हो गया था. पानी के लिए विशेष प्रावधान की उम्मीद सूत्रों के मुताबिक इस बार भी बजट में किसानों और आदिवासियों पर ही विशेष फोकस रहने की उम्मीद है. पानी के लिए विशेष प्रावधान बजट में हो सकता है. इसके तहत बस्तर और सरगुजा में नदियों पर डैम बनाने की घोषणा की जा सकती है. सिंचाई प्राधिकरण के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया जा सकता है. बता दें कि अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार लगातार कर्ज के बोझ में दब रही है.
ये होगी विशेष चुनौती वहीं किसानों के दो साल के बोनस के साथ हीं 2500 रुपये प्रतिक्विंटल के समर्थन में धान खरीदने के वादे को सरकार को पूरा करना है इसके लिए जो अंतर की राशि देनी है. वह भी एक चुनौती है. इसी बीच राज्य में करीब 25 लाख बेरोजगार, कुपोषण से संघर्ष और आदिवासी क्षेत्रों को विकास की दौड़ में शामिल करने के लिए सरकार को जो कवायद करनी है वह भी बड़ी चुनौती है. शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ राज्य में रूके हुए तमाम कामों को शुरू करने के लिए भी खजाना चाहिए. राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या लगभग 40 फीसदी है. वहीं 37 फीसद से अधिक बच्चे कुपोषित और 41 फीसद से अधिक महिलाएं एनिमियां पीड़ित हैं. हालांकि सरकार ने इसके लिए योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन संसाधन नाकाफी है.उम्मीद करना बेमानी बजट को लेकर विपक्ष की अपनी उम्मीदें हैं. हालांकि विपक्ष का यह भी आरोप है कि सरकार जिस तरह से नाकामयाब हो रही है इसके बाद कुछ उम्मीद करना बेफिजूल है. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का कहना है कि इस सरकार से कुछ खास उम्मीदें नहीं हैं. क्योंकि अपने हर मोर्चे पर सरकार फेल हो रही है. हालांकि सरकार ने बजट से एक दिन पहले जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया इसमें सभी इसमें सभी सेक्टर में सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई है. संसदीय मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कहा कि सरकार बजट में हर वर्ग का ध्यान रखेगी.