अध्यात्म

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, ऐसे करें पूजा....

त्रिनेत्रधारी भगवान भोलेनाथ सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाले हैं। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए अगर गाय के दूध से उन्हे स्नान करवाया जाय तो भक्त की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसीलिए देखा गया है कि भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर भक्तांे द्वारा दूध अर्पण किया जाता है। यह मान्यता भी है कि भोलेनथ को दूध अत्याधिक प्रिय है।

त्रिनेत्रधारी भगवान भोलेनाथ सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाले हैं। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए अगर गाय के दूध से उन्हे स्नान करवाया जाय तो भक्त की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसीलिए देखा गया है कि भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर भक्तांे द्वारा दूध अर्पण किया जाता है। यह मान्यता भी है कि भोलेनथ को दूध अत्याधिक प्रिय है।

ऐसे में एक प्रश्न उठता है कि आखिर भगवान भोलेनाथ को दूध क्यों सबसे ज्यादा प्रिय है। इसके पीछे भी एक कथा है। जिसे जानने के बाद आपके मन की सारी संकाएं दूर हो जायेंगी।

कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान विष की उत्पत्ति हुई थी। इस विष के तेज प्रभाव को समाप्त करने के लिए कोई आगे नही आ रहा था। तब भगवान भेालेनाथ की देव और दानवों ने आराधना की। भगवान ने उस विष को ग्रहण किया। जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया था।

भोलेनाथ पर विष का इतना प्रभाव हुआ कि उनकी जटाओं में विराजमान मां गंगा भी प्रभावित होने लगी। तब अन्य देवताओं ने भगवान को गाय का दूध अर्पण किया था। भोलेनाथ को इससे काफी राहत मिली और विष का प्रभाव कम हो गया।

तब से भगवान भोलेनाथ को दूध चाढाने से विशेष फल प्राप्त होता है। कहा जाता है कि किसी भी तरह की चिंता हो, परेशानी हो, कोई कार्य सिद्ध न होता हो तो भगवान भोलेनाथ को दूध चढाने से सभी कष्ट दूर होते है।

भगवाने भोलेनाथ को जहां दूध प्रिय है। तो वही ऐसी मान्यता भी है कि अगर भक्त जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर शिव जी पर चढ़ाया जाता है तो भक्त को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है तो वही चिताएं मिट जाती हैं। साथ ही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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