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पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में भड़की आग, वन्यजीवों के साथ ही वनस्पतियों के नुकसान की संभावना
गर्मी का मौसम प्रारंभ होते ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आग भड़क उठी। इस आगजनी से वन्यजीवों के साथ ही वनस्पतियों के नुकसान की भी संभावना जताई गई है। पीटीआर के अजयगढ़ क्षेत्र के अजयपाल किले के आसपास के जंगल को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। घटना की जानकारी मिलते ही पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
काफी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में सोमवार की सुबह आगजनी की घटना घटित हुई। पीटीआर के अजयगढ़ क्षेत्र के अजयपाल किले के बफर क्षेत्र के जंगलों में अचानक आग की लपटें और धुआं दिखाई दिया। जिसकी जानकारी पीटीआर प्रबंधन को दी गई। आगजनी की घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पीटीआर प्रबंधन सहित रेस्क्यू दल पहुंच गया। जिसके द्वारा काफी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया गया। बफर जोन में हुई इस आगजनी की घटना से वन्यजीवों के साथ ही वनस्पतियों को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई गई है।
जंगलों में आग लगने के कारण
गर्मी बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाओं में भी इजाफा हो जाता है। कहीं खेत के साथ ही खलिहान में रखी फसलों में आग की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं तो वहीं जंगल भी इससे अछूते नहीं रहते। गर्मी के मौसम में जंगलों में भी सर्वाधिक आगजनी की घटनाएं होती हैं। इस संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी में जंगलों में पेड़, पौधों के पत्तों सहित झाड़ियां सूख जाती हैं। इसके साथ ही काफी मात्रा में सूखे पत्ते जमीन पर पड़े रहते हैं। यही समय महुआ बीनने का भी रहता है। जिसके चलते जंगलों में महुआ बीनने व लकड़ियों की तलाश करने वाले लोगों द्वारा पत्तों में आग लगा दी जाती है जिससे जंगलों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचता है।