मणिपुर में हिंसा क्यों हो रही है: कुकी और मैतेई कौन हैं, क्यों लड़ रहे हैं? शुरू से लेकर अबतक जो हुआ सब जानें
मणिपुर हिंसा का कारण: मणिपुर में हिंसा क्यों हो रही है?, कुकी समुदाय कौन है? मैतेई समुदाय कौन है? कुकी और मैतेई क्यों लड़ रहे हैं? कुकी जनजाति का धर्म क्या है? मैतेई जनजाति का धर्म क्या है? क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होगा? ऐसे ही कई सवाल देश की जनता पूछ रही है और इसका जवाब चाहती है. आखिर ऐसी क्या वजह है जिसके चलते मणिपुर में आग लगी है और उसी आग में राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटी सेंक रही हैं. आज हम इन सभी प्रश्नों के उत्तर एक-एक करके समझेंगे और मणिपुर हिंसा की वजह जानेंगे
कुकी समुदाय क्या है?
Kuki Kaun Hai: कुकी एक मंगोल नस्ल की एक जनजाति है. यह ST यानी शेडूयल कास्ट वर्ग में आते हैं. कुकी का धर्म ईसाई है. ईसाई होने के बावजूद इन्हे ST वर्ग में रखा गया है और इन्हे सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों को दिए जाने वाले आरक्षण का लाभ मिलता है. कुकी समुदाय भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों जैसे उत्तरी म्यांमार, मणिपुर, बांग्लादेश और चित्तग्राम की पहाड़ियों में रहते हैं.
मैतेई समुदाय क्या है?
Meitei Kaun Hai: मैतेई का धर्म हिंदू है, इस समुदाय की बड़ी आबादी हिंदू गौडीय वैष्णव संप्रदाय को मानती है. कुछ मैतेई मणिपुर के सानामहि धर्म को मानते हैं और आदिवासी परम्पराओं का पालन करते हैं। मैतेई भी ST वर्ग में आते हैं लेकिन इन्हे आरक्षण का वैसा लाभ नहीं मिलता जैसे कुकी को मिलता है.
कुकी और मैतेई क्यों लड़ रहे हैं
Kuki Aur Meitei Kyo Lad Rahe Hai: मैतेई हिंदू दशकों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं. वो आदिवासी हैं लेकिन उन्हें ST का दर्जा हासिल करने के लिए कुकी ईसाइयो के साथ संघर्ष करना पड़ता है. मणिपुर में मैतेई जनसंख्या 53% है और इनका मणिपुर में केवल 10% भूमि में अधिकार है. उधर मणिपुर में कुकी जनसंख्या 30% है. कुकी को ST होने का आरक्षण मिलता है लेकिन मैतेई को आरक्षण नहीं मिलता।
मणिपुर हिंसा का कारण
Manipur Hinsa Ka Karan: दशकों तक संघर्ष करने के बाद मैतेई समुदाय को उसका हक़ मिला, मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई को भी ST का दर्जा देने के पक्ष में आदेश जारी किया। इसी के बाद से ही कुकी समुदाय के लोग सड़क में उतर आए. ईसाई कुकियों का कहना है कि अगर मैतेई हिन्दुओं को आरक्षण का लाभ मिलने लगा तो वो आगे निकल जाएंगे और कुकी पीछे रह जाएंगे। सरकारी नौकरियां सिर्फ मैतेई को मिलेंगी और मणिपुर में मैतेई का वर्चस्व हो जाएगा।
कुकी हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सड़क में आ गया, इस समुदाय के लोगों ने पहले हिंसा शुरू की, मैतेई लोगों के घरों में हमला शुरू किया, उनके घर जलाए, परिवारों पर हमला किया, बच्चे-महिलाएं, बुजुर्ग, नौजवान किसी को भी नहीं छोड़ा। पुलिस के हथियार चुराए और उनसे हमला किया। मैतेई समुदाय के लोग कुछ दिनों तक सहते रहे, लेकिन जब पुलिस और सेना उनकी रक्षा नहीं कर पाई तो उन्हें खुद हथियार उठाने पड़े. जब मैतेई ने हमला शुरू किया तो मीडिया-इंटरनेशनल मीडिया कुकी लोगों को पीड़ित दिखाने लगा. Manipur Rape Video सामने आने के बाद कुकी समुदाय पीड़ित बन गया और मैतेई हिंसक। जबकि इस हिंसा की शुरुआत कुकी ने की, हमला पहले कुकी ने किया। ना जानें कितने मैतेई परिवारों को जिन्दा जला दिया।
अब मणिपुर में 'कौन सही कौन गलत' ऐसी कोई चीज़ नहीं रह गई है. हिंसा करने वाला हर शख्स गलत है लेकिन सिर्फ एक समुदाय का पक्ष लेना और उनके अपराधों पर पर्दा डालना उससे भी गलत है.
क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होगा
अगर अगले कुछ दिनों में मणिपुर सरकार ने यहां शांति स्थापित नहीं की तो इस बात की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होगा। फिर लॉ एंड आर्डर का पालन कराना आर्मी के जिम्मे होगा। मंत्री-विधायक, सीएम का कोई रोल नहीं रह जाएगा।