कौन हैं सुरेंद्रन के पटेल जो अमेरिका के टेक्सस कोर्ट में जज बन गए, पहले बीड़ी बनाते थे
सुरेंद्रन के पटेल की कहानी: भारतीय मूल के सुरेंद्रन के पटेल (Surendran K Patel) एक जनवरी 2023 के दिन अमेरिका के टेक्सस कोर्ट में (Texas Court) बतौर जज के पद पर नियक्त हुए. वैसे तो अमेरिका के कई राज्यों के कई कोर्ट में भारतीय मूल के जज हैं लेकिन सुरेंद्रन के पटेल को यहां तक पहुंचने के लिए जो संघर्ष करना पड़ा है वो लोगों को अपने लक्ष्य के प्रति डटे रहने के लिए प्रेरित करता है.
केरल का एक लड़का जिसने बचपन में गरीबी देखी, घर चलाने के लिए बीड़ी का बंडल रोल किया, बीड़ी बनाते हुए वह लड़का जज बनने के सपने देखता रहा. वह बड़ा होकर अच्छा वकील बना और सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी की. लेकिन पत्नी की USA में जॉब लगी तो वकालत छोड़ उसके साथ विदेश चला गया. वहां वकालत नहीं कर पाया तो सेल्समैन बना लेकिन दिल वहीं कोर्ट में अटका रहा. उसने फिर पढाई शुरू की और टेक्सस कोर्ट में जज बन गया. यह कहानी टेक्सस के भारतीय मूल के जज सुरेंद्रन के पटेल की है.
सुरेंद्रन के पटेल कौन है
Who Is Surendran K Patel: सुरेंद्रन के पटेल के माता पिता दिहाड़ी मजदूर थे. परिवार बेहद गरीब था. इतना गरीब कि खुद पढाई के बीच सुरेंद्रन को बीड़ी के बंडल रोल करने पड़ते थे. 10वीं क्लास में पढ़ने वाले सुरेंद्रन के साथ उनकी बहन भी यही काम करती थी.
स्कूल के कारण वह काम पर नहीं जा पाते थे, और काम के बिना घर नहीं चलता था. इसी लिए सुरेंद्रन के पटेल ने 10वीं क्लास में ही पढाई छोड़ दी. मगर बाद में यह एहसास हुआ कि शिक्षा के बिना जीवन कुछ भी नहीं है. वह वापस स्कूल गए. पढाई शुरू की. पास होकर कॉलेज गए और पॉलिटिकल साइंस विषय लिया। वह इस दौरान भी बीड़ी बांधने का काम करते रहे.
लेकिन कॉलेज भी नहीं जा पाते थे, क्योंकि काम भी जरूरी था. एक बार परीक्षा में टीचर ने उन्हें बैठने से मना कर दिया, इसकी वजह उनकी अटेंडेंस थी. लेकिन पटेल इस चिंता में पड़ गए कि वो अपने टीचर से कैसे कहें कि वो बीड़ी बनाने का काम करते हैं.
उन्होंने टीचर से कहा 'प्लीज मुझे परीक्षा में बैठने दीजिये, अगर मेरे कम नंबर आए तो मैं कॉलेज ही छोड़ दूंगा'
परीक्षा का रिजल्ट आया और सुरेंद्रन के पटेल ने टॉप किया। आगे वह वकालत की पढाई करना चाहते थे मगर इसके लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने दोस्तों से उधार मांगा मगर इससे भी काम नहीं बना. तब वह एक बड़े बिजनेसमैन के घर पर काम मांगने गए और किसी तरह कॉलेज के एडमिशन की फीस का बंदोबस्त हो गया.
1995 में सुरेंद्रन के पटेल को वकालत की डिग्री मिली, वह कर्नाटक के डिस्ट्रिक कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए और 10 साल तक सर्वोच्च न्यायालय में केस लड़ते रहे.
टेक्सस के जज कैसे बने ?
Story of Surendran K Patel: सुप्रीम कोर्ट में वकालत करके सुरेंद्रन के पटेल अच्छी कमाई कर रहे थे. इस दौरान उनकी शादी हुई. 2007 में उनकी पत्नी की अमेरिका के एक हॉस्पिटल में जॉब लग गई. उस वक़्त दोनों की एक बच्ची थी और पत्नी गर्भवती भी थी. दोनों ने अमेरिका जाने का फैसला कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने अपनी नौकरी छोड़ पत्नी की जॉब के लिए अपनी प्रैक्टिस, अपना करियर और एक्सपीरिएंस छोड़ दिया। अमेरिका जाने के बाद पत्नी नाइट ड्यूटी में जाती तो पटेल घर की जिम्मेदारी संभालते। बेरोजगारी उन्हें खलने लगी तो एक सेल्समैन की जॉब पकड़ ली. सर्वोच्च नन्यायालय का वकील USA में सेल्समैन बन गया.
लेकिन सेल्समैन का काम करते वक़्त भी उन्हें अपना काला कोट वापस चाहिए था. वे अमेरिका में वकालत की संभावना खोजने लगे. इसके लिए उन्होंने अमेरिकी बार का एग्जाम परीक्षा दी. पहली बार में ही पास हो गए. इंटरव्यू देने के लिए कई जगह अप्लाई किया. लेकिन कॉल कहीं से नहीं आई.
फिर भी सुरेंद्रन पटेल ने हार नहीं मानी. उन्होंने अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी (University of Houston) में इंटरनेशनल लॉ की पढ़ाई के लिए एडमिशन ले लिया. 2011 में पास हुए. और फिर अमेरिका में वकालत शुरू कर दी. 2017 में सुरेंद्रन अमेरिकी नागरिकता मिल गई. उन्होंने 2020 में पहली बार जज बनने के लिए किस्मत आजमाई. लेकिन तब उन्हें सफलता नहीं मिली. 2022 में उन्होंने एक बार जज बनने की ख्वाहिश जताई. पहली लड़ाई पार्टी के अंदर ही थी. उनको कैंडिडेट बनने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के सीटिंग जज से खुद को बेहतर साबित करना था. उन्होंने कैंपेन चलाया. डेमोक्रेटिक कैंडिडेट बने. और अमेरिका के टेक्सस की अदालत में भारतीय मूल के जज के रूप में 1 जनवरी 2023 को शपथ ली