कौन हैं ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी, जो IAF की पहली महिला कॉम्बेट यूनिट की कमांडर चुनी गई हैं
Who is Group Captain Shalija Dhami: इंडियन एयर फ़ोर्स ने पहली बार महिला अधिकारी को कॉम्बैट यूनिट का कमांडर नियुक्त किया है. ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी भारत की पहली महिला IAF अधिकारी हैं जिन्हे कॉम्बैट यूनिट कमांडर चुना गया है. शालिजा धामी भारत-पाकिस्तान फ्रंटलाइन पर मिसाइल कॉम्बैट यूनिट को लीड करेंगी।
बताया गया है कि ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी (Group Captain Shalija Dhami) को पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात युद्धक यूनिट (Yuddhak Unit) की कमान सौंपी गई है। 1932 में बनी भारतीय वायुसेना (IAF) के 90 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला को कॉम्बैट यूनिट का कमांडर बनाया गया है.
कौन हैं शालिजा धामी
शालिजा धामी 2003 में वायुसेना में बतौर हेलिकॉप्टर पायलट शामिल हुई थीं। 2,800 घंटे के फ्लाइंग अनुभव वाली धामी कॉम्बैट यूनिट की सेकंड इन कमांड रह चुकी हैं।
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी पंजाब के लुधियाना जिले सराभा गांव से ताल्लुख रखती हैं. इसी गांव में शहीद करतार सिंह सराभा पैदा हुए थे जिन्हे ब्रिटिश राज के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण साढ़े 19 साल की उम्र में उन्हें फांसी दे दी गई थी।
शालिजा धामी ने यहीं पर सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी की। कॉलेज में NCC के एयरविंग में एक्टिव रहीं। BSC की पढ़ाई पूरी भी नहीं हुई थी कि शालिजा का चयन एयरफोर्स में हो गया था.। फिर BSC पूरी करने के बाद एयरफोर्स में नियुक्त हो गईं।
परमानेंट कमीशन पाने वाली भी देश की पहली महिला अफसर
शालिजा धामी फ्लाइंग ब्रांच में परमानेंट कमीशन पाने वाली भी देश की पहली महिला अफसर हैं। अब वे बतौर कमांडर एक मिसाइल युद्धक यूनिट संभालेंगी। यह यूनिट पंजाब में किसी जगह तैनात है। महिला कमांडर को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का वायुसेना का यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा।