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Who Are Pasmanda Muslims: पसमांदा मुस्लिम कौन हैं? बीजेपी इन्हे क्या हक़ दिलाना चाहती है

Who Are Pasmanda Muslims: पसमांदा मुस्लिम कौन हैं? बीजेपी इन्हे क्या हक़ दिलाना चाहती है
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पसमांदा मुसलमान क्या होते हैं: लखनऊ में बीजेपी ने पसमांदा मुसलमानों के साथ बैठक की है

पसमांदा मुस्लिम कौन हैं: भारतीय जनता पार्टी के पास वोटों की कोई कमी नहीं है, फिर भी मुस्लिम वोट अपने जुटाने बीजेपी ने काम करना शुरू कर दिया है. BJP अब पसमांदा मुसलमानों को उनका हक़ दिलाने की बात कह रही है. पीएम मोदी ने हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकरिणी में कहा था कि पार्टी को पसमांदा मुस्लिमों तक पहुंचना है. इसके बाद 16 अक्टूबर को यूपी के लखनऊ में बीजेपी ने पसमांदा मुसलमानों के साथ पहली बार बैठक की. और इस बैठक में यूपी के उपमुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दिया

उन्होंने कहा कि- पसमांदा मुसलमानों को बिरियानी में तेज पत्ते की तरह इस्तेमाल किया जाता है. जिसका स्वाद आने के बाद उसे थाली से निकालकर फेंक दिया जाता है. बीजेपी पसमांदा मुसलमानों को हक़ दिलाने की बात कर रही है.

पसमांदा मुसलमान कौन हैं?

Who Are Pasmanda Muslims: वैसे तो लोग कहते हैं कि इस्लाम ऐसा मजहब है जिसे वर्णों और जाति में नहीं बांटा गया है। मगर भारत में यह सब दावे खोखले हैं. हम आपको बताते हैं इस्लाम की वर्णव्यवस्था के बारे में बताते हैं

इस्लाम में कितने वर्ग होते हैं

How many Caste are there in islam: इस्लाम में जातियों को तीन तबकों में विभाजित किया गया है अशराफ, अजलाफ और अरजाल।

अशरफ जाति- इस जाति के लोग सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं. आर्थिक नहीं भी तो सामाजिक तौर पर संपन्न होते हैं. इन्हे कोई भेदभाव जात-पात का सामना नहीं करना पड़ता ये खुद यही काम करते हैं. जैसे सैयद, पठान, मुग़ल, शेख और मिर्जा

अजलाफ जाति- ये मिडल क्लास जाति वाले होते हैं. जो छोटे-मोटे काम करते हैं. जैसे रईनी, जो सब्जी बेचते हैं और मोमिन जो बुनाई का काम करते हैं

अरजाल जाति- इस जाति के लोग गरीब और सामाजिक तौर पर कमजोर माने जाते हैं. जो साफ़-सफाई, नाई, मोची, का काम करते हैं इन्हे समाज में इज्जत कम ही मिलती है, और यह मुसलमानों की सभी जातियों में सबसे पिछड़े और अशिक्षित होते हैं. इन्ही को पसमांदा मुसलमान कहते हैं.

पसमांदा का अर्थ

Pasmanda Meaning: यह एक पारसी शब्द है, जिसका अर्थ पिछड़ा या पीछे छूट जाने वाला होता है. दलित और आदिवासी मुस्लिम खुद को पसमंदा कहते हैं.

पसमांदा मुसलमानों को उनका हक़ नहीं मिलता

पसमांदा मुसलमानों पर किताब लिखने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद अनवर अंसारी कहते हैं कि- पसमांदा में दलित मुस्लिम भी हैं और पिछड़े भी हैं. पसमांदा में जो दलित मुस्लिम हैं उन्हें भारत का संविधान दलित नहीं OBC मानता है. भारत के संविधान में OBC, ST और SC जाति के लोगों को आरक्षण मिलता है. लेकिन संविधान में पसमांदा मुस्लिम दलितों को आरक्षण देने की कोई बात ही नहीं लिखी गई है.

भारत में पसमांदा मुस्लिमों की आबादी

भारत में 85% मुस्लिम पसमांदा ही हैं, इंडियन एक्सप्रेस का कहना है कि भारत में दलित और पिछड़े मुस्लिम 40% हैं.

बीजेपी पसमांदा मुसलमानों को क्या हक़ दिलाना चाहती है

बीजेपी दलित और पिछड़े मुसलमानों को उनका हक़ दिलाने की बात करती है. जैसे उन्हें भी शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, आरक्षण, सम्मान और बिना किसी भेदभाव के जीने का अधिकार दिलाना चाहती है. लोग इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देख रहे हैं. कहना है कि बीजेपी सिर्फ ऐसा इस लिए कर रही है क्योंकि उसे मुस्लिमों के वोट चाहिए। लेकिन अगर वोट के बदले किसी को उसका हक़ मिल रहा है तो इसमें गलत क्या है?

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