खुले में सड़ गया 4 करोड़ का गेहूं, अब जांच कमेटी गठित कर रहे कर्मचारी
हरियाणा / Haryana: प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है कि किसानो से खरीदा गया 4 करोड़ 60 लाख रूपये का गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा था। जो बारिश होने पर सड़कर नष्ट हो गया। हालत यह है कि भंडाराति स्थल के पास से गुजरने पर सडे़ हुए गेहूं की बदबू आ रही है। लेकिन अधिकारियों के नाक तक सड़ रहे इस गेहूं की गंध नही पहुंची। जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया में वायरल हुए आधिकारियों के कान खडे़ हो गये। अब अधिकारी जांच करने के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
हरियाणा वेयर हाउस (Haryana Warehouse) का मामला
जानकारी के अनुसार हरियाणा में यमुना नगर जिले के बिलासपुर खंड में हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन (Haryana Ware House Corporation) में किसानों से खरीद कर खुले में भंडारण किया गया था। व्यवस्थित रखरखाव के अभाव में 50 हजार बोरी गेहूं सड गया। इस गेंहू की खरीदी वर्ष 2019-20 में 1480 रूपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी पर किसानों से खरीदा गया था। इसे केन्द्रीय पुल मे भेजा जाना था लेकिन हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन की लापरवाही से इसे जमा नही किया। साथ ही भंडारन में लापरवाही की गई जिसका परिणाम यह रहा है कि करोड़ों रूपये का गेंहू सड़ गया।
जांच का दिया गया आदेश
कॉरपोरेशन के डीएम अजय कुमार ने गेहूं सडने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। उनका कहना है कि जांच करने वाली कमेटी भंडारित गेंहू की जाकर यह पता लगाएगी कि कितना गेहूं सड़ गया है। और अभी कितना गेहूं बचा हुआ है।
साथ ही डीएम का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद सड़ा गेहूं और अच्छा गेहूं अलग अलग किया जाएगा। खराब गेहूं का आकड़ा एकत्र कर जानकारी सरकार को भेजी जाएगी। वहां से आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।
गेहूं सड़ा नहीं सड़ाया गया
यूथ फॉर चेंज नामक संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल का कहना है कि गेहूं सड़ा नहीं, बल्कि षड्यंत्र के तहत किये गये भ्रष्टाचार के तहत सड़ाया गया है। इसके पीछे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का बड़ा गैंग काफी समय से काम कर रहा है।