मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद शशि थरूर क्या बोल गए!
Shashi Tharoor Mallikarjun Kharge Congress President: 24 साल बाद कांग्रेस पार्टी को गैर गांधी अध्यक्ष मिला। मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच कांग्रेस प्रेसिडेंट बनने की रेस लगी थी, इस रेस में Mallikarjun Kharge भारी मतों ने जीत गए जबकि शशि थरूर को चंद वोट मिले। थरूर ने पोलिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे. हालांकि परिणाम सामने आने के बाद उनका रिएक्शन कुछ और ही रहा
80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6,825 वोटो से हरा दिया। खड़गे हमेशा से ही गांधी परिवार के फेवरेट रहे हैं जबकि शशि थरूर हमेशा से पार्टी के नेतृत्व में बदलाव करने की बात कहते रहते थे. जब शशि ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी ठोंकी थी तब कोई कांग्रेस का बड़ा नेता उनके साथ नहीं नज़र आया था
शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर क्या कहा
परिणाम से पहले चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने वाले थरूर ने नतीजे आने के बाद अपने स्वर में बदलाव कर दिया। उन्होंने लगातार 3 ट्वीट किए.
"If you are irritated by every rub, how will your mirror be polished?"
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
― Rumi
थरूर ने कहा- अगर आप घिसने से परेशान होते हैं तो आपका आइना पोलिश कैसे होगा?
It is a great honour & a huge responsibility to be President of @INCIndia &I wish @Kharge ji all success in that task. It was a privilege to have received the support of over a thousand colleagues,& to carry the hopes& aspirations of so many well-wishers of Congress across India. pic.twitter.com/NistXfQGN1
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
किसी पार्टी का अध्यक्ष बनना एक बहुत बड़ा सम्मान और एक बड़ी जिम्मेदारी है मेरी उम्मीद है की खड़गे जी उस कार्य में पूरी सफलता से काम करेंगे। एक हजार से अधिक सहयोगियों का समर्थन प्राप्त करना, और पूरे भारत में कांग्रेस के इतने शुभचिंतकों की आशाओं और आकांक्षाओं को आगे बढ़ाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।
"The work of an intellectual is to re-examine evidence and assumptions, to shake up habitual ways of working and thinking, to dissipate conventional familiarities, to re-evaluate rules and institutions and to participate in the formation of a political will." ~ Michel Foucault
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
"एक बुद्धिजीवी का काम सबूतों और मान्यताओं की फिर से जांच करना, काम करने और सोचने के अभ्यस्त तरीकों को हिला देना, पारंपरिक परिचितों को खत्म करना, नियमों और संस्थानों का पुनर्मूल्यांकन करना और राजनीतिक इच्छाशक्ति के निर्माण में भाग लेना है।" ~ मिशेल फौकॉल्ट