जैन तीर्थ सम्मेद शिखर क्या है जिसे पर्यटन स्थल बनाने के खिलाफ जैन समाज सड़क में आकर प्रदर्शन कर रहा है
What is Jain Tirtha Sammed Shikhar: दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद सहित कई महानगरों और छोटे शहरों में रहने वाले जैन समाज के लोग भयंकर गुस्साए हुए हैं. वो भी इस बात को लेकर कि जैन सम्मेद शिखर को सरकार पर्यटन स्थल बनाना चाहती है. जैन सम्मेद शिकार क्या है और इसे पर्यटन स्थल बनाने पर जैन पंथ के लोग क्यों सड़क में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं आइये जानते हैं.
#Maharashtra | Members of Jain community protest in Mumbai against the decision of Jharkhand govt to declare 'Shri Sammed Shikharji' a tourist place and vandalisation of their temple in Palitana, Gujarat pic.twitter.com/DuUt90hfYc
— TOI Mumbai (@TOIMumbai) January 1, 2023
वैसे भारत में जितने प्रसिद्द मठ-मंदिर हैं वो एक तरह से पर्यटन का ही हिस्सा हैं, इसे धार्मिक पर्यटन कहते हैं. और इससे हिंदू धर्म के लोगों को कभी कोई तकलीफ नहीं हुई. बल्कि यहां रहने वाले लोकल लोगों को फायदा ही होता है. रोजगार मिलता है, होटल चलते हैं, छोटी दुकान वालों की कमाई हो जाती है. लेकिन जैन समाज के लोगों को यह पसंद नहीं है कि उनके धार्मिक स्थल को टूरिस्ट प्लेस कहा जाए.
We support this Jain community protest and the Jharkhand government must rescind the decision & @CMOGuj must take strong action. https://t.co/Ngcdh88kFS
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 1, 2023
जैन सम्मेद शिकार क्या है
झारखंड में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी, जैन पंथ के लोगों के लिए सबसे बड़ा जैन तीर्थ स्थल है. इसे .झारखंड का हिमालय कहा जाता है और इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है। कहा जाता है कि इस इलाके में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहीं 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण (NIRVANA) प्राप्त किया था। सम्मेद शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।
The Jain community hold a 'peace' rally in the city as a mark of protest against the Jharkhand govt's decision to turn Shri Sammed Shikharji, one of the foremost Jain pilgrimage centres in the country, into an ecotourism spot. pic.twitter.com/WGhN4fJbZM
— Suraj Ojha (@surajojhaa) January 1, 2023
धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे। जबकि सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है।
Today we r very disappointed by the media as they r not performing their duties properly & we the people of jain community is protesting against the forced decision which political party had taken for our religious place "Shree Sammed Shikarji". #shameonaajtak#SaveShikharji pic.twitter.com/eXKMP6zBUG
— akarshit jain (@akarshitjain20) December 27, 2022
जैनों को सम्मेद शिखर के धार्मिक टूरिस्ट प्लेस होने से दिक्कत नहीं है, दिक्क्त है तो इसे सिर्फ टूरिस्ट प्लेस घोषित करने से और ये कारनामा किया है झारखंड सरकार ने। जिसे लेकर अब दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और झारखंड समेत कई शहरों में विरोध हो रहा है.
बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था, इसके बाद झारखंड सरकार ने एक संकल्प जारी कर जिला प्रशासन की अनुशंसा पर इसे पर्यटन स्थल घोषित किया। झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बाद बीजेपी से लेकर VHP यहां तक की AIMIM के अध्यक्ष ओवैसी ने भी ट्वीट करते हुए सरकार की आलोचना की है.