Digital Arrest क्या है? जानिए इस साइबर अपराध से कैसे करें खुद का बचाव...
डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच "डिजिटल अरेस्ट" जैसे नए धोखाधड़ी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस स्कैम में अपराधी पुलिस या जांच अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए व्यक्ति को झूठे आरोप में फंसाने का डर दिखाते हैं और मानसिक दबाव बनाते हैं। इसका उद्देश्य पीड़ित से बड़ी रकम वसूलना होता है। समझदारी और सतर्कता से इस तरह के साइबर अपराध से बचा जा सकता है।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट एक साइबर स्कैम है जिसमें अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ित को फर्जी आरोप में फंसाने का भय दिखाते हैं। वे वीडियो कॉल या फोन के माध्यम से संपर्क करते हैं और पीड़ित से कॉल पर ही बने रहने का दबाव डालते हैं। इस दौरान पीड़ित को अन्य लोगों से बात करने से रोका जाता है और "जमानत" के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। यह स्थिति किसी को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर सकती है।
क्यों बढ़ रहा है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
देश में साइबर अपराधों की दर में लगातार वृद्धि हो रही है, और यह धोखाधड़ी के नए तरीके खोजने वाले ठगों के लिए एक और तरीका बन गया है। वर्ष की शुरुआत में, डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम से भारतीय नागरिकों ने लगभग 120 करोड़ रुपये गंवाए हैं। ये अपराधी आम लोगों की जागरूकता की कमी का फायदा उठाते हैं और उनकी असुरक्षा को भुनाते हैं।
कैसे करें डिजिटल अरेस्ट से बचाव
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं और सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने से बचें।
एंटीवायरस का उपयोग करें: अपने डिवाइस पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
अजनबियों से ऑनलाइन संपर्क से बचें: अनजान लोगों से ऑनलाइन संपर्क न करें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
डरें नहीं, सावधानी बरतें: ध्यान रखें कि पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी किसी कानूनी प्रक्रिया के लिए वॉयस या वीडियो कॉल का उपयोग नहीं करते। कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।
फर्जी कॉल्स की पहचान करें: अगर कोई व्यक्ति खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।
जागरूकता और सतर्कता ही है सबसे बड़ा बचाव
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है। इस तरह के साइबर अपराधों की पहचान करना और इनसे बचने के लिए सटीक जानकारी होना आज के समय में अनिवार्य है। किसी भी प्रकार के संदेहास्पद संपर्क को अनदेखा करें और साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्कता बनाए रखें।