बिपोरजॉय तूफान का द्वारकाधीश मंदिर के 2 ध्वज से क्या कनेक्शन है?
Biporjoy Cyclone Dwarkadhish Temple: अरब सागर से उठा दूसरा सबसे ताकतवर चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय (Biparjoy Cyclone) 15 जून को गुजरात के कच्छ के तट से टकराएगा। इस दौरान हवाएं 150 किमी की रफ़्तार से बहेंगी। Biparjoy Tufaan अपने साथ तबाही ला सकता है. इस चक्रवाती तूफान को देखते हुए गुजरात के प्रसिद्ध तीर्थ मंदिर द्वारकाधीश में 17 जून तक नया ध्वज नहीं लगाए जाने का फैसला किया गया है इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.
परंपरा के अनुसार द्वारकाधीश मंदिर के शिखर में लगे ध्वज को 5 बार बदला जाता है. मंगलवार को एक ध्वज बदला गया और दूसरा भी फहराया गया. द्वारकाधीश में दो ध्वज इसी लिए फहराए गए ताकि आपदा होने से टल जाए. पूरे देश के लोग द्वारकाधीश पर बेहद विश्वास करते हैं. लोगों का मानना है कि मंदिर में दो ध्वज फहराने से बड़ी-बड़ी मुसीबतों को भी भगवान हर लेते हैं.
द्वारकाधीश में 17 जून तक दोनों ध्वज फहरे रहेंगे, इस दौरान कोई नया ध्वज नहीं लगाया जाएगा। मंदिर के निर्माण से लेकर अबतक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब ध्वज को बदला नहीं गया है. बता दें की मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फ़ीट है.
बिपोरजॉय तूफान का प्रकोप
बिपोरजॉय तूफान अभी भारत के समुद्री तट से नहीं टकराया है. लेकिन इसका असर देखने को मिलने लगा है. महाराष्ट्र और गुजरात में तूफान के चलते अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकि है. गुजरात सरकार ने समुद्री किनारे से 10 किमी तक रहने वाले 37 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान तक पंहुचा दिया है.
15 जून को बिपोरजॉय तूफान कच्छ के जखौ पोर्ट से टकराएगा। इसके बाद तूफान कमजोर पड़ेगा लेकिन तबाही मचा सकता है. तेज हवाएं पेड़ों, खंबो और कच्चे घरों को ढहा सकती हैं. मूसलाधार बारिश से जान-माल का ख़तरा बना हुआ है. अच्छी बात ये है कि सरकार ने आपदा को ध्यान में रखते हुए पहले ही पूरी तैयारी कर ली है.