सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका ख़ारिज करते हुए क्या कहा?
Supreme Court On Bilkis Bano: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका ख़ारिज कर दी, बिलकिस बनो चाहती थी कि उनसे रेप करने वाले दोषियों को फिर से जेल में बंद कर दिया जाए. मगर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार करते हुए उनकी पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों की रिहाई के वक़्त कहा है कि उन्हें इसी लिए छोड़ा जा रहा है क्योंकि जेल में उनका व्यव्हार अच्छा था.
बिलकिस बनो ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई थी. बिलकिस की मांग है कि उससे रेप करने वाले दोषियों को वापस जेल भेजा जाए और सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बदले। 13 दिसंबर को जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ ने बिलकिस की याचिका को ख़ारिज कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि इस केस में महाराष्ट्र सरकार की रीमिशन पॉलिसी लागू होनी चाहिए क्योंकि केस का ट्रायल महाराष्ट्र में हुआ था
सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई को एक दोषी राधेश्याम शाह की याचिका पर आदेश दिया था. इसमें कहा गया था कि क्योंकि अपराध गुजरात में हुआ था, इसलिए गुजरात सरकार के पास ही दोषी के आवेदन पर विचार करने का अधिकार है.
बिलकिस ने कहा फिर लड़ूंगी
बिलकिस से गैंगरेप करने वाले सभी दोषियों को उम्रकैद की सज़ा हुई थी. इस मामले में 11 लोगों को जेल हुई थी. इसी साल सभी को 15 अगस्त के दिन रिहा कर दिया गया था. बता दें कि बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या मामले में CBI की विशेष अदालत ने जनवरी 2008 में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
बता दें कि साल 2002 में गुजरात दंगों के दौरान दाहोद में इन अपराधियों ने बिलकिस बानो का गैंगरेप किया था. 3 मार्च 2002 के दिन बिलकिस तब 5 महीने की गर्भवती थीं और उनकी गोद में 3 साल की एक बेटी थी. अपराधियों ने उनकी 3 साल की बेटी को पटक-पटककर मार डाला था. लेकिन SC ने उनके जेल में अच्छे बर्ताव होने के चलते सभी को रिहा कर दिया है.