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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों को लेकर क्या कहा?

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों को लेकर क्या कहा?
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What did RSS chief Mohan Bhagwat say about Muslims: उन्होंने कहा देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है बस वो वर्चस्व करने जैसी बात न करें

What did RSS chief Mohan Bhagwat say about Muslims: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने हिदुस्तान के मुसलमानों को नसीहत दी है. उन्होंने कहा 'मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें वर्चस्व वाले बयान छोड़ देना चाहिए' मोहन भागवत RSS से जुड़ी पत्रिका ऑर्गनाइज़र और पांचजन्य को दिए एक इंटरव्यू में हिन्दुओं और मुसलमानों को लेकर अपनी राय राखी है

मोहन भागवत ने मुसलमानों को लेकर क्या कहा

उन्होंने कहा- "भारत और अन्य देशों में हिंदुओं के बीच नई आक्रामकता हिंदू समाज के 1 हजार से अधिक सालों से युद्ध में रहने और अंत में संघ के समर्थन से जागृत होने के कारण आई है."

उन्होंने आगे कहा- हिंदू समाज एक और युद्ध से बीच में है. यह युद्ध किसी बाहरी दुश्मन के खिलाफ नहीं, बल्कि हमारे देश में मौजूद दुश्मन के खिलाफ ही है. इसी लिए हिंदू समाज, हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति को बचाने के लिए युद्ध हो रहा है. विदेशी आक्रमणकारी तो अब नहीं रहे, लेकिन विदेशी षड्यंत्र और विदेशी प्रभाव अभी भी मौजूद है. यह एक युद्ध है इसी लिए लोगों के अति उत्साहित होने की संभावना है और इसी लिए भड़काऊ बयान दिए जाएंगे।

मुस्लिम वर्चस्व का दावा छोड़ दें

उन्होंने आगे कहा- भारत में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन उन्हें अपने वर्चस्व का दावा छोड़ना चाहिए। सरल सत्य ये है कि हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रहने वाले मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है. यदि वो विश्वास पर टिके रहना चाहते हैं तो वो ये कर सकते हैं. यदि वो अपने पूर्वजों की आस्था में लौटना चाहते हैं तो वो ऐसा कर सकते हैं. ये पूरी तरह उनपर निर्भर करता है.

हिंदुओं में ऐसी हठधर्मिता नहीं है इसी लिए इस्लाम को डरने की कोई बात नहीं।

उन्होंने आगे कहा

''हम एक महान जाति के हैं. हमने इस देश पर पहले भी शासन किया था. और हम फिर से इस देश पर शासन करेंगे. सिर्फ हमारा रास्ता ही सही है, बाकी सब गलत हैं. हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे. हम एक साथ नहीं रह सकते. मुसलमानों को इस तरह की सोच को छोड़ देना चाहिए."

भागवत ने LGBTQ पर कहा कि ऐसे लोगों को भी जीने का अधिकार है. जिनको समस्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनका अपना पंथ है, अपने देवता हैं और अब तो महामंडलेश्वर भी हैं. वो हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा हैं. LGBTQ समुदाय का अपना निजी स्थान हो. समुदाय के लोगों को लगे कि वो भी समाज का हिस्सा हैं.



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