मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया? सरकार बने 7 साल हो गए, कितने कश्मीरी हिन्दुओं को घर मिला?
What did Modi government do for Kashmiri Pandits: फिल्म कश्मीर फाइल्स रिलीज होने के बाद देश में बीजेपी एक तरफ और अन्य पार्टियां एक तरफ हो गई हैं. फिल्म को लेकर खूब राजनीती हुई है और देश की जनता ने देखा है कि कैसे केंद्र और बीजेपी को कश्मीरी पंडितों के दर्द से हमदर्दी है लेकिन सरकार ने सत्ता में रहते हुए कश्मीर से भगाए गए कश्मीरी हिन्दुओं के लिए क्या किया यह जानना भी देश के लिए फिल्म के टैक्स फ्री कर देने से जरूरी है.
गृहमंत्री अमित शाह ने 17 मार्च को जम्मू-कश्मीर के उपराज्याल मनोज सिन्हा के साथ बैठक ली थी. और कश्मीरी हिन्दुओं के साथ कश्मीर के प्रवासियों के पुनर्वास की प्रक्रिया की समीक्षा की. अमित शाह के इस दौरे से पता चला कि केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए जो आवास बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था वह सात साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ 17% पूरा हो पाया है।
6000 घर बनाने थे सिर्फ 1 हाज़र बने
साल 2015 में केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए 6000 ट्रांजिट घरों के निर्माण की घोषणा की थी. लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि सालों से अपने ही देश में रिफ्यूजी की तरह रह रहे कश्मीरी पंडितों को घर मिलेगा। लेकिन केंद्रीय मंत्रालय के ताजा आंकड़ों ने पूरा खेल पलट दिया है। अबतक सिर्फ 1025 घरों का निर्माण हुआ है जिनमे बहुत काम होना बाकी है, जबकि 50% घरों का निर्माण ही अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
सरकार का कहना है कि साल 2023 तक शेष घरों का काम पूरा हो जाएगा, केंद्रीय ग्रह मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि कश्मीर से विस्थापित लोग कुलगाम, अनंतनाग, कुपवाड़ा, बड़गाम और बारामुला में मौजूद ट्रांजिट घरों में रहते हैं.
सरकार ने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया
साल 2015 में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री डेवलपमेन्ट पैकेज के तहत जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकरी नौकरी मंजूर की थी. अबतक 1739 को नौकरी में रखा गया है और बाकी 1098 को नौकरी के लिए चुन लिया गया है।
मोदी सरकार ने कश्मीरी हिन्दुओं को क्या दिया
मोदी सरकार के मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पंजीकृत कश्मीरी प्रवासियों को 13000 रुपए के साथ 3250 रुपए प्रति व्यक्ति हर महीने मिलता है। और उन्हें राशन भी दिया जाता है