Weather Updates: कश्मीर के ऊपर विक्षोभ और खाड़ी में हलचल से बदल रहा देशभर का मौसम, बढ़ने वाली है ठंड
Weather News Updates: मौसम एक बार फिर बदल गया है और दिल्ली समेत उत्तर भारत में बादलो के बीच बारिश हो रही है तो वही ओले गिरने की भी संभावना जताई जा रही है। बदले इस मौसम का असर देश भर में पड़ेगा और आगामी 10 जनवरी तक बारिश होने के साथ ही कोहरा और ओले गिरने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के ऊपर बना पश्चिमी-विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती हवाओं के चलते भारत के कई राज्यों का मौसम बिगड़ रहा है। तो वही बारिश भी शुरू हो गई है। दिल्ली में इसका असर भी है और राजधानी के कई इलाकों में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक 10 जनवरी तक बारिश का दौर जारी रहेगा और अगले 5 दिनों में यहां भारी बारिश के भी संकेत है।
इन राज्यों में होगी बारिश
जम्मू और कश्मीर पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अगले 24 घंटों में राजस्थान और उसके आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती परिसंचरण के बनने की उम्मीद है। मौसम में होने वाले इस बदलाव की वजह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ इलाके, पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में व्यापक बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा तमिलनाडु के तटीय इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. वहीं, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश और बर्फबारी संभव है।
एमपी-राजस्थान का ऐसा होगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान बारिश की पूरी संभावना है। इस दौरान राजस्थान में छिटपुट ओलावृष्टि भी हो सकती है। मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में 7 जनवरी से बारिश कम होने लगेगी. 7 जनवरी को पूर्वी मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है. दिन के तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट आएगी।
हो रही बर्फबारी
राजधानी में जंहा बारिश शुरू हो गई वहीं पहाड़ी इलाके जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बर्फबारी का सिलसिला अभी जारी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 8 जनवरी तक मध्यम से भारी बर्फबारी या बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी हिमपात की भी संभावना है।
ज्ञात हो कि कश्मीर में लगातार बर्फबारी हो रही है. यहां 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम जाते हैं।