'अब वक्त आ गया है, जब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए, मेहमानों को घर पर न बुलाएं' : नीति आयोग
'Now is the time when we should wear masks while staying with family inside the house, do not invite guests at home': NITI Aayog
देश में कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर पहुँच गया है. इस पर कई तरह की बातें हो रही है, जो लोगो के बीच पैनिक क्रिएट कर रहीं हैं. केंद्र एवं राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर इसके प्रसार को रोकने के कदम उठा रही हैं. लेकिन संक्रमण की दर में रोजाना इजाफा हो रहा है. इस बीच नीति आयोग ने कहा है कि 'अब वक्त आ गया है, जब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी फेस मास्क (Face Mask) पहनना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं'
नीति आयोग सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि इस महामारी के इस तरह चलते हुए भी हमें वैक्सीनेशन और तेज़ गति से आगे लेकर जाना होगा, हम वैक्सीनेशन की गति को धीमा होने नहीं दे सकते हैं.
लोग घबराएं नहीं, फायदे की जगह नुकसान होगा
सरकार का कहना है कि लोगों को न्यायोचित तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना होगा, इसकी बर्बादी को रोकना होगा. उन्होंने अपील की है कि कोविड-19 की मौजूदा स्थिति से लोग घबराएं नहीं, बेवजह की घबराहट से फायदे के बजाय नुकसान अधिक होता है भारत के पास पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है, चुनौती उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाने की है.
In this COVID19 situation, please don't go out unnecessarily, and even within the family wear a mask. It is very important to wear a mask. Do not invite people into your home: Dr. VK Paul, Member-Health, Niti Aayog pic.twitter.com/hSp7IeuJGl
— ANI (@ANI) April 26, 2021
लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है.टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए.
भय न फैलाएं : डॉ वीके पॉल
नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को लेकर डर और भय का वातावरण न बनाएं. इससे हालात सुधरने के स्थान पर बिगड़ सकते हैं. उन्होंने कहा-कि रिसर्च बताती है कि अगर एक व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिंग न अपनाए तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे.
'डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए'
सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की पैरवी की और कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं.स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए.
चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी पर सरकार ने कहा है कि भारत में पर्याप्त चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध हैं लेकिन इसे अस्पतालों तक पहुंचाना चुनौती है.सरकार ने अस्पतालों से तर्कसंगत तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है. मरीजों को रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब जैसी दवा भी तार्किक तरीके से लिखने पर जोर दिया है.