Wasim Rizvi: इस्लाम छोड़ वसीम रिज़वी ने हिन्दू धर्म क्यों अपना लिया, अब उनका नया नाम क्या है
Wasim Rizvi: वसीम रिज़वी ने आखिर इस्लाम मजहब को छोड़ कर सनातन हिन्दू धर्म क्यों अपना लिया यह सवाल इंटरनेट में ट्रेंडिंग टॉपिक बन चुका है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं कोई भी मजहब का व्यक्ति अपने पसंदीदा धर्म को चुनने और उसमे परिवर्तिति होने का पूरा अधिकार रखता है। ठीक उन्ही अधिकारों का सटीक इस्तेमाल वसीम रिजवी ने किया है।
अब से वसीम रिजवी का नाम जीतेन्द्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरी ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण करवाया है इसी के बाद वसीम रिज़वी को नया नाम दिया गया। यूपी के डासना मंदिर पहुंच कर रिज़वी ने कहा कि जब मुझे इस्लाम ने निकाल ही दिया गया है तो यह मेरी मर्जी है कि मैं किसी धर्म को स्वीकार्य कर लूं. मैंने अपने लिए सनातन धर्म चुना, क्योंकि यह दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया गया. इसी के साथ हवन-यज्ञ हुआ।
क्या चाहतें हैं वसीम रिज़वी
नरसिंहानंद गिरी ने बताया कि 5 नवंबर को वसीम डासना मंदिर आये थे। उसी दिन उन्होंने उनके कहा था कि उनकी अंतिम इक्षा यह है कि उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीती-रिवाज़ से किया जाए.इसके लिए रिज़वी ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर को अधिकृत भी कर दिया था। उस दिन वसीम रिज़वी ने पूजा पाठ भी किया था।
कुरान से 26 आयतों को हटाने दायर की थी याचिका
लखनऊ के निवासी वसीम रिज़वी उस वक़्त चर्चा में छाए जब उन्होंने कुरान से 26 ऐसी आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली जो दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ में कही गई है। लेकिन ऐसा करने पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए उनपर जुर्माना लगा दिया था।
'मोहम्मद' किताब से भी विवादों में आये
वसीम रिज़वी ने पिछले ही दिनों एक किताब 'मोहम्मद' लिखी थी। जिसमे इस्लामिक मजहब के मौलानाओं ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए किताब में पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने की बात कही थी। इसके बाद वसीम रिजवी ने ये भी कहा था कि उनकी हत्या भी हो सकती है।