ओडिशा ट्रेन हादसा सोची समझी साजिश थी? बिना इंसानी दखल के सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ हो ही नहीं सकती
Odisha Train Accident A Conspiracy: 278 लोगों की जान लेने वाले ओडिशा ट्रेन हादसे की सच्चाई पता लगाने के लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव (Ashvini Vaishnav) ने CBI जांच कराने की सिफारिश की है. प्राथमिक जांच में पाया गया है कि कोरोमंडल ट्रेन हादसा सिग्नल में खराबी और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के कारण हुआ. ओडिशा ट्रेन हादसे के जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है.
रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) ने चौकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा है कि ओडिशा रेल हादसा एक सोची समझी साजिश है इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिना इंसानी दखल के सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ हो ही नहीं सकती
क्या ओडिशा ट्रेन हादसा साजिश है
रेलवे दावा करता है कि इंटरलॉकिंग सिस्टम ऐसा है जिसमे गड़बड़ होने की संभावनाएं बेहद कम हैं. 10 लाख केस में एक बार इंटरलॉकिंग सिस्टम में खराबी हो सकती। यानी इंटरलॉकिंग सिस्टम में खराबी आने की संभावना 0.0001% है. हो सकता है कि यह हादसा सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया हो.
रेलवे बोर्ड की ऑपरेशनल डेवलपमेन्ट मेंबर जया वर्मा सिन्हा ने इंटरलॉकिंग सिस्टम को फेल-सेफ बताया है. यानी अगर इंटरलॉकिंग सिस्टम खराब होता है या फेल होता है सभी सिग्नल रेड हो जाते हैं और ट्रेनों का संचालन बंद हो जाता है. रेलवे कहता है कि गड़बड़ी 10 लाख बार में एक बार हो सकती है. बिना मानवीय दखल के सिग्नल सिस्टम फेल होना मुमकिन ही नहीं है.
रेलवे का कहना है कि यह साजिश के तहत अंजाम दी हुई घटना हो सकती है और ये भी हो सकता है कि सिग्नल मेंटेनर ने किसी फाल्ट को रिपेयर करते हुए वक्त तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया और सिग्नल में गड़बड़ी हो गई. इसमें तबतक गड़बड़ी नहीं हो सकती जबतक जानबूझकर की ना जाए अगर CBI को यह जांच मिलती है तो जांच एजेंसी इन्ही पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच करेगी।