
वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास: PM मोदी ने बताया 'बड़ा सुधार', खरगे बोले- 'संविधान के खिलाफ'; पक्ष में 128, विपक्ष में 95 वोट पड़ें

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बहुचर्चित और विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 ने संसद के दोनों सदनों की बाधा पार कर ली है। लोकसभा द्वारा बुधवार देर रात पारित किए जाने के बाद, गुरुवार को राज्यसभा में भी 12 घंटे से अधिक समय तक चली लंबी और तीखी बहस के उपरांत देर रात इस बिल को पारित कर दिया गया। उच्च सदन में हुए मतदान के दौरान बिल के पक्ष में 128 मत पड़े, जबकि इसके विरोध में 95 सांसदों ने वोट दिया। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम
शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट कर वक्फ संशोधन बिल के पारित होने को एक 'बड़ा सुधार' करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून पारदर्शिता बढ़ाएगा और गरीब व पसमांदा मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करेगा। पीएम मोदी ने लिखा, "वक्फ संपत्तियों में सालों से गड़बड़ी हो रही थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को नुकसान हुआ। यह नया कानून इस समस्या को दूर करेगा।"
राज्यसभा में तीखी बहस: सरकार बनाम विपक्ष
सरकार का पक्ष: अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि इसे व्यापक चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों के बाद लाया गया है और इसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और सटीकता पर केंद्रित बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत के आधार पर फैसले होते हैं और सभी सुझाव स्वीकार नहीं किए जा सकते। वहीं, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बहस के दौरान वक्फ बोर्ड द्वारा पूर्व में ताजमहल पर दावा करने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने का जिक्र किया।
विपक्ष का विरोध: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए बिल को संविधान और मुसलमानों के खिलाफ बताया। उन्होंने आशंका जताई कि वक्फ की जमीनें व्यापारियों या अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को दी जा सकती हैं। उन्होंने गृह मंत्री से बिल वापस लेने की अपील की।
खरगे ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा उनके परिवार पर वक्फ जमीन रखने के कथित आरोप को भी चुनौती दी और कहा कि अगर यह साबित नहीं होता तो अनुराग ठाकुर इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा बिल को स्वीकार न करना ही इसमें खामियां दर्शाता है और यह अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने की कोशिश है।
BJD का रुख: बीजू जनता दल (BJD) ने इस बिल पर व्हिप जारी नहीं किया और अपने सांसदों को अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करने के लिए कहा, जो एक अलग रुख दर्शाता है।
कानून बनने की ओर अग्रसर
दोनों सदनों से पारित होने के बाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 अब कानून बनने से महज एक कदम दूर है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह लागू हो जाएगा और भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।