Vegetarian Crocodile Dies: शाकाहारी मगरमच्छ 'बाबिया' की मौत! मंदिर की रखवाली करती थी, मांस नहीं खाती थी
Vegetarian Crocodile Passes Away: केरल के कासरगोड में मौजूद श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर के रक्षक, शाकाहारी मगरमच्छ बाबिया (Kerala Temple Vegetarian Crocodile Passes Away) की मौत हो गई. अनंतपुरा गांव के मंदिर के झील में बाबिया का शव मिला. कहा जा रहा है कि इस शाकाहारी महारमच्च की मौत बीते रविवार को हुई थी.
शाकाहारी मगरमच्छ की मौत
Vegetarian Crocodile Died: मंदिर के रक्षक बाबिया की तबियत कुछ दिनों से खराब चल रही थी. उसने खाना पीना छोड़ दिया था. मंदिर के ट्रस्टी उदय कुमार आर गट्टी ने बताया कि मंगलुरु पिलुकुला बायोलॉजिकल पार्क (Mangaluru Pilikula Biological Park) के पशु चिकित्सकों ने उसकी जांच की थी. वह पिछले दो दिन से बीमार था. उसे खाना देने के लिए बुलाया गया मगर बाबिया नहीं आई. जबकि इससे पहले जब भी मंदिर के पुजारी उसे बुलाते थे तो झट से वह नदी की सीढ़ियों के पास पहुंच जाती थी. उसे दिन में दो बार मंदिर का प्रसाद दिया जाता था.
मांस नहीं खाती थी बाबिया
यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि एक खतरनाक मांसाहारी जीव मगरमच्छ मांस नहीं खाता था. झील में रहने वाली मछलियां और केचुए उससे सुरक्षित थे. बाबिया 1940 से श्री अनंतपद्मनाथ स्वामी मंदिर केरल का इकलौता झील मंदिर में रहती थी. बाबिया सिर्फ मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद ''चावल के लड्डू' खाती थी. कई बार बाबिया के सामने मांस परोसा गया लेकिन उसने कभी मांस नहीं खाया न मछलियों पर हमला किया।
ईश्वर का दूत मानते थे
शाकाहारी मगरमच्छ बाबिया को लोग ईश्वर का दूत मानते थे. वह झील में नहाने वाले श्रद्धालुओं के पास जाती थी मगर इतिहास में कभी उसने किसी पर भी हमला नहीं किया। बल्कि वह प्यार से बुलाने में पास आ जाती थी. लोग मगरमच्छ के रहते हुए भी बिना किसी डर के नदी में नहाते थे.
पूरे सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
बाबिया की मौत पर उसे पालने वालों की आँखे भर आईं, उसके अंतिम संस्कार में हज़ारों लोग पहुंचे। लोग बाबिया को प्यार करते थे. उसे मंदिर प्रांगण में ही दफनाया गया है. और उसे वही सम्मान दिया गया जो किसी संत के निधन में दिया जाता है.