धर्म और विज्ञान का मिलन: चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल लेकर तिरुपति मंदिर गए ISRO के साइंटिस्ट, कल मिशन लॉन्च होगा
ISRO Scientist Tirupati Temple Chandrayaan-3: 14 जुलाई को इंडियन स्पेक्स रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO अपने सबसे बड़े मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च करने वाला है. इस मिशन लॉन्च से पहले ISRO के वैज्ञानिक भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे। वैज्ञानिक अपने साथ Chandrayaan-3 का मिनिएचर मॉडल साथ लेकर गए थे. ISRO के साइंटिस्ट ने भगवान के समक्ष चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल रखकर मिशन की सफलता के लिए पूजा की
ISRO के वैज्ञानिकों का मिशन लॉन्च से पहले मंदिर जाना और भगवान के सामने Chandrayaan-3 रखकर आशीर्वाद लेना लोगों के दिल को छू गया. आमतौर पर वैज्ञानिकों के बारे में लोग यही सोचते हैं कि वो विज्ञान में विश्वास रखते हैं और धार्मिक किताबों में कही बातों को सत्य नहीं मानते। लेकिन ISRO के वैज्ञानिकों ने ऐसे दावों को झुठला दिया। 13 जुलाई को पूरी दुनिया ने धर्म और विज्ञान का मिलन होते देखा
#WATCH | Andhra Pradesh | A team of ISRO scientists team arrive at Tirupati Venkatachalapathy Temple, with a miniature model of Chandrayaan-3 to offer prayers.
— ANI (@ANI) July 13, 2023
Chandrayaan-3 will be launched on July 14, at 2:35 pm IST from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, ISRO had… pic.twitter.com/2ZRefjrzA5
चंद्रयान-3 मिशन
शुक्रवार 14 जुलाई की दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा। Chandrayaan-3 को चन्द्रमा की सतह तक पहुंचने में 24-25 अगस्त तक समय लगेगा। चंद्रयान का रोवर लैंडर अगले 14 दिनों तक चंद्रमा के चरों तरफ 360 डिग्री घूमेगा और परीक्षण करेगा। रोवर ISRO में चन्द्रमा की तस्वीरें भेजेगा
#WATCH | "This is Chandrayaan-3 --- our mission to the moon...We have a launch tomorrow," says the team of ISRO scientists after offering prayers at Tirupati Venkatachalapathy Temple in Andhra Pradesh. pic.twitter.com/xkQb1SuX4V
— ANI (@ANI) July 13, 2023
इसी के साथ चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश और चांद में अपने देश का ध्वज फहराने वाला पहला देश बन जाएगा। यह वही क्षेत्र है जहां चंद्रयान-1 ने मून इम्पैक्ट प्रोब को छोड़ा था और ISRO ने सबसे पहले चांद में पानी होने का पता लगाया था. इसी जगह पर चंद्रयान 2 क्रैश हुआ था. चंद्रयान 3 को चन्द्रमा तक पहुंचने में 41 दिन लग जाएंगे