दुनिया की वो 9 जिहादी घटनाएं जब मुसलमानों ने 'गुस्ताख़ ए रसूल' के नाम पर आतंकवाद किया
मुहम्मद के अपमान के नामपर आतंक: भारत में मुस्लिम लोग क्या बवाल काट रहे हैं इससे तो आप भलीभांति वाकिफ हो गए होंगे, नूपुर शर्मा का सिर कलम करना चाहते हैं, 'गुस्ताख़ ए रसूल' का सहारा लेकर आतंकवाद करने की यह घटना अनोखी नहीं बल्कि कॉमन है, आज हम आपको इतिहास में हुई उन 9 घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जब जिहादियों ने मुहम्मद के अपमान के नाम पर मासूम लोगों का कत्लेआम कर दिया था.
इस्लाम में ईश निंदा की सज़ा सिर्फ मौत है, लेकिन इस्लामिस्ट दूसरे धर्म के ईश्वर को गालियां दें तो वह फ्रीडम ऑफ़ स्पीच है. ईश निंदा करने वालों को जब यही कट्टरपंथी मार डालते हैं तो उन हत्यारों को इनका समाज सिर में बैठा कर योद्धा बना देता है. भारत में एक नारा बहुत फेंमस है 'गुस्ताख़ ए रसूल की एक ही सज़ा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा'
वो 9 घटनाएं जब मुसलमानों ने गुस्ताख़ ए रसूल के नाम पर आतंकवाद किया 1. कमलेश तिवारी हत्याकांड
हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर 2019 में चाकू घोंप कर बेहरमी से हत्या कर दी गई थी, चाकू मारने के बाद गोलियां भी मारी गई थीं. कमलेश तिवारी का कुसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने 2015 में मुहम्मद को लेकर बयान दे दिया था,
इसके बाद उनपर कार्रवाई भी हुई, जेल भी गए, 9 महीने की सज़ा काटी लेकिन गुस्ताख़ ए रसूल की एक ही सज़ा है ना... वो है मौत. तो कट्टरपंथी इस्लामिस्ट ने उन्हें धोके से मार डाला, उनके हत्यारे हिन्दू कार्यकर्त्ता के भेष में उनसे मिलने गए थे, और उनके शरीर में 15 बार चाकू गोदा था और चेहरे में गोली मार दी थी.
2 सलमान तासीर हत्याकांड
पाकिस्तान के नेता और पंजाब के पूर्व राजयपाल सलमान तासीर की 2011 में हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने ईशनिंदा करने वाली एक ईसाई महिला का समर्थन कर दिया था, उसका नाम आसिया बीबी था जिसे ईशनिंदा के लिए फांसी की सज़ा हुई थी, सलमान तासीर ने फांसी की सज़ा रोकने के लिए अपील की थी और ईशनिंदा कानून को मानवता के खिलाफ बताया था.
लेकिन मुसलसल ईमान वालों ने उन्हें भी गोलियों से भून डाला था, जिसने उनकी हत्या की थी उसका नाम मुमताज कादरी था जो उन्ही का अंगरक्षक था. पाकिस्तान में गवर्नर के हत्यारे को मसीहा बना दिया गया था और उसके नाम पर मस्जिद भी बनवा दी थी. आसिया बीबी को फांसी नहीं हो पाई क्योंकि इंटरनेशनल प्रेशर के कारण पाकिस्तान झुक गया था.
3. सैमुअल पैटी हत्याकांड
साल 2020 में फ़्रांस के एक स्कूल में एक जिहादी मुस्लिम स्टूडेंट ने अपने टीचर सैमुअल पैटी का गला रेत दिया था क्योंकि उन्होंने क्लास में शार्ली हेब्दो में प्रकाशित मुहामद का कार्टून स्टूडेंट्स को दिखाया था. इसके बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति ने इस हत्या को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था जिसके बाद सभी मुस्लिम देशों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी और भारत के मुस्लमान भी इमैनुएल मैक्रों का सिर कलम करने की बात कह दी थी.
4.डेबोरा सैमुअल को भी मार डाला
हाल ही में नाइजीरिया के सकोटो में डेबोरा सैमुअल नाम के ईसाई स्टूडेंट की जिहादियों ने हत्या कर दी, उसे मुस्लिम छात्रों ने स्कूल में ही पीट-पीटरकर मार डाला, उसने सिर्फ इतना कहा था कि कॉलेज के ग्रुप में मजहबी पोस्ट न शेयर की जाए, उसपर ईशनिंदा का आरोप लगा और उसे मार डाला गया. जिहदियों ने उसके शरीर को पत्थर से कुचला, फिर उसमे आग लगा दी, वो जिन्दा जल के मर गया, उसे मारने वाले उसके क्लासमेट थे शायद उसके दोस्त भी रहे होंगे
5. सफूरा बीबी हत्याकांड
पाकिस्तान में 13 साल की एक बच्ची को सपना आया कि उसकी क्लास टीचर पैगम्बर का अपमान कर रही हैं, उसने यह बात उसने अन्य महिला शिक्षकों को बताई, उन तीनों मदरसा शिक्षकों ने सफूरा बीबी पर ईशनिंदा का आरोप लगते हुए उसे मार डाला, उसके पेट में चाकू घुसेड़ा और गला रेत दिया। जबकि उसने ईशनिंदा की ही नहीं थी,
6. किशन बारवाड़ हत्याकांड
गुजरात के धुंधुका में किशन बारबाड़ नामक लड़के को 25 जनवरी 2022 में मुस्लिम लोगों ने गोली मार दी थी, उसने मुहम्मद की एक तस्वीर शेयर की थी, जबकि मुहम्मद कैसा दीखता था कोई जनता ही नहीं। इस हत्याकांड में पुलिस ने 6 मौलवियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने किशन की हत्या के लिए मुस्लिम आरोपियों को भड़काया था
7. हर्षा हत्याकांड
20 फरवरी 2022 के दिन बजरंग दल के कार्यकर्त्ता हर्षा की चाकू मारकर उसी के मुस्लिम दोस्तों ने जान से मार डाला था, क्योंकि उसने कर्नाटक में चल रहे बुरका विवाद पर फेसबुक पोस्ट किया था, इसे ईशनिंदा बताते हुए मुस्लिम संगठन ने कत्ल का फरमान जारी किया था.
8. प्रियंता कुमारा दियावादन हत्याकांड
पाकिस्तान के सियालकोट में एक श्रीलंकाई प्रियंता कुमारा की मुस्लिम भीड़ ने हत्या कर दी थी, उसे पहले पीटा था और जिन्दा जलाकर मार डाला था. अफवाह थी के उसने पैगम्बर की फोटो फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दी थी, जबकि पाकिस्तान ने बाद में कबूल किया था कि उसने किसी प्रकार की ईशनिंदा नहीं की थी
9.शार्ली हेब्दों की आतंकी घटना
फ़्रांस की कार्टून मैगजीन शार्ली हेब्दों ने पैगम्बर मुहम्मद का कार्टून बनाया था, जिसके बाद दुनियाभर के इस्लामिक देशों, मुसलमानों और इस्लामिक आतंकियों ने शार्ली हेब्दो के खिलाफ फतवा जारी कर दिया था। साल 2015 में 2 मुस्लिम आतंकी ऑफिस में घुसे और 12 पत्रकारों को मार डाला, 11 घायल हो गए.
मुस्लिम आतंकियों के इस कत्लेआम की पूरी दुनिया के मुसलमानों ने खूब तारीफ की थी, क्योंकि गुस्ताख़ ए रसूल की एक ही सज़ा है
लेकिन शार्ली हेब्दों डरा नहीं, ना वहां के राष्ट्रपति मुस्लिम देशों के आगे झुके, शार्ली ने पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून बनाना जारी रखा, 2020 में फिर से आतंकियों ने हमला किया लेकिन फिर भी शार्ली हेब्दो रुका नहीं।
फ़्रांस के राष्ट्रपति खुले आम कहते हैं कि वो अपने देश में इस्लामिक आतंकवाद को नहीं रहने देंगे, जब उन्होंने ऐसा कहा था तो बड़ा बवाल हुआ था, फ़्रांस के प्रोडक्ट बैन हो गए थे, भारत के मुसलमान भी इसके खिलाफ सड़कों में आ गए थे. लेकिन बाद में सब ठीक हो गया. इधर भारत में भारतीय सरकार उन्ही मुस्लिम देशों और कट्टरपंथियों के आगे झुक गई और अब शांत रहने के लिए तेल लगा रही है.
भारत सरकार को फ़्रांस की सरकार से सीखना चाहिए कि इस्लामिक आतंकवाद से किस तरह निपटना चाहिए।
बात साफ़ है किसी के ईश्वर के खिलाफ कोई कुछ कहता है तो बुरा लगता है, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं है जब हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अपमान न किया जाता हो, 130 करोड़ की आबादी वाले देश में 1 महिला कुछ कह देती है तो उसे जान से मारने की डिमांड होने लगती है. जबकि उसने वही कहा था जो खुद इस्लाम की मजहबी किताब में लिखा हुआ है.
नूपुर शर्मा ने मुहम्मद के बारे में क्या कहा था जानने के लिए इधर क्लिक करें