इस राज्य सरकार ने अधिकारियों को दिखाया बाहर का रास्ता, भ्रष्टाचार तथा कार्य में लापरवाही का आरोप
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भ्रष्टाचारी तथा कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर बड़ी कार्यवाही की है। सरकार ने कार्यवाही करते हुए 48 अधिकारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। साथ ही कहा है कि यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। प्रदेश में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को कोई भी स्थान नहीं दिया जाएगा। साथ ही जिन कर्मचारियों द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जाती है, ड्यूटी से नदारद रहते हैं, नान परफारमेंस और नियम विरुद्ध कार्य करने वालों पर कार्यवाही होगी।
किया जाता है मूल्यांकन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया की हरियाणा सरकार समय-समय पर कर्मचारियों के परफारमेंस का मूल्यांकन करती है। अगर कर्मचारियों द्वारा मन लगाकर सही ढंग से काम नहीं किया जाता तो उन पर कार्यवाही की जाती है। लेकिन अच्छा काम करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है।
कई अधिकारियों पर हो चुकी है कार्यवाही
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 तक पूर्व की सरकार ने मात्र 32 अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही की। वहीं 2014 के बाद मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार बनी है लगातार कार्यवाही हो रही है। बताया गया है कि 8 वर्ष में लगभग 48 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया गया।
सम्मानित होते हैं कर्मचारी
सर्विस रिकॉर्ड रिमूव करने के बाद ईमानदारी से काम करने वालों को जहां सम्मानित किया जा रहा है वहीं नान परफारमेंस वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। सरकारी नियम के मुताबिक जो कर्मचारी ठीक से काम नहीं करते भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं उन कर्मचारियों को 50 से 55 वर्ष की आयु या 20 वर्ष की नौकरी के बाद हटा दिया जाता है। यह सरकार नियम का पूरा पालन करते हुए भ्रष्टाचारी कर्मचारियों पर कार्यवाही कर रही है।
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि प्रदेश सरकार गुड गवर्नेंस के सूत्र पर आगे बढ़ रही है। प्रदेश से भ्रष्टाचार को कहना नहीं खत्म करना है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए भ्रष्टाचारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। तभी प्रदेश का संपूर्ण विकास हो सकता है और जनहित की योजनाएं पात्र लोगों को प्राप्त होंगी।