राष्ट्रीय

Third Wave of COVID-19 / कोरोना के दूसरी लहर का पीक आना बाकी, अब तीसरी लहर की आशंका ने बढ़ा दी टेंशन, महामारी से निपटने हो रही तैयारी

Aaryan Dwivedi
5 May 2021 12:23 PM GMT
Third Wave of COVID-19 / कोरोना के दूसरी लहर का पीक आना बाकी, अब तीसरी लहर की आशंका ने बढ़ा दी टेंशन, महामारी से निपटने हो रही तैयारी
x
Third Wave of COVID-19 / दुनियाभर के अधिकांश देश इन दिनों कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Second Wave of COVID-19) से जूझ रहें हैं. इस बीच अंदेशा जताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर माह में दस्तक दे सकती है. दूसरी लहर काफी खतरनाक है. जिसका पीक अभी आना बांकी है.

Third Wave of COVID-19 / दुनियाभर के अधिकांश देश इन दिनों कोरोना महामारी की दूसरी लहर (Second Wave of COVID-19) से जूझ रहें हैं. इस बीच अंदेशा जताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर माह में दस्तक दे सकती है. दूसरी लहर काफी खतरनाक है. जिसका पीक अभी आना बांकी है.

अब बड़ा सवाल यह भी है कि कहीं तीसरी लहर दूसरे से अधिक खतरनाक तो नहीं? और इससे निपटने के लिए भारत कितना तैयार है. क्योंकि दूसरी लहर में सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत भी शामिल है.

हांलाकि भारत की ओर से इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है. वैक्सीनेशन में तेजी लाई गई है, पर क्या इतनी अधिक जनसँख्या वाला देश इतनी जल्द अपनी तीसरी लहर को फेस करने के लिए तैयार हो पाएगा, यह भी एक सवाल है. दूसरी लहर का पीक मई माह के दूसरे सप्ताह से आना अभी बांकी है, इस बीच तीसरी लहर से निपटने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है.

तीसरी लहर को रोकने के उपायों में जुट गए दुनियाभर के वैज्ञानिक

सीएसआइआर के महानिदेशक डाॅक्टर शेखर मांडे के मुताबिक तीसरी लहर की आशंका साफ़ बन रही है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इससे चिंतित हैं और इसे रोकने के उपायों को खोजने में जुट गए हैं.

वैसे डा.मांडे यह भी मानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को स्पेनिश फ्लू की तीसरी लहर जैसी खतरनाक होने से बचा जा सकता है. कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक कारगर हथियार है और वह हमारे पास है.

बचाव के ये रास्ते

डॉ. मांडे के मुताबिक़ वैक्सीन लगाने के काम में तेजी लानी होगी. जिस पर काम भी तेजी से चल रहें हैं. पूरी दुनिया वैक्सीनेशन के काम में जुटी हुई है. डाॅ. शेखर मांडे का मानना है कि अक्टूबर तक 15-20 फीसद लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग जाएंगे, जबकि 63 फीसद लोगों को सिंगल डोज ही लग पाएगा.

एसबीआइ की ताजा इकोरैप रिपोर्ट भी डाॅ. शेखर मांडे के दावे का समर्थन करती है. इस रिपोर्ट में दुनिया के विभिन्न देशों में टीकाकरण के अनुभवों के आधार पर दावा किया गया है कि किसी भी देश में 15-20 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज लग जाने के बाद संक्रमण की रफ्तार स्थिर हो जाती है.

70 फीसद आबादी सुरक्षित हो जाएगी

भारत में वैक्सीन के उत्पादन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की तैयारियों के आधार पर एसबीआइ ने अक्टूबर तक देश में लगभग 105 करोड़ डोज उपलब्ध होने का दावा किया है. इतने डोज से भारत की 15 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज और 63 फीसद को पहला डोज लग चुका होगा. यानी करीब 70 फीसद आबादी को सुरक्षित हो चुकी होगी.

30 फीसद लोगों को दोनों डोज सुनिश्चित करना होगा

विशेषज्ञों का मानना है की तीसरी लहर आने के पहले देश भर के 30 फीसदी लोगों को दोनों डोज लगाने होंगे. नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फार कोविड-19 (नेगवैक) के सदस्य डाॅक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार कोरोना की पहली लहर का पीक सितंबर में आया था. फिर चार महीने तक धीरे-धीरे मामले घटते गए. दूसरी लहर की शुरुआत फरवरी में शुरू होकर मई में पीक तक पहुंचने के आसार हैं.

हर पीक के बाद चार माह कम होता रहेगा कोरोना का प्रकोप

मई में पीक के बाद अगले चार महीने तक कोरोना का प्रकोप कम होता रहेगा और उसके बाद ही तीसरी लहर की शुरुआत होगी. तीसरी लहर का पीक आने में दो-तीन महीने का समय लगेगा. इस तरह अक्टूबर या नवंबर तक तीसरे चरण की शुरुआत होगी.

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story