पेट्रोल-डीजल के दाम में हो सकती है बड़ी कटौती, जानिए क्यों?
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपए प्रति लीटर की कटौती संभव है। मार्च 2024 से अब तक कच्चे तेल की कीमतों में 12% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे ऑयल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की पूरी संभावना है।
रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इंपोर्ट किए जाने वाले कच्चे तेल की औसत कीमत सितंबर 2024 में घटकर 74 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है, जो मार्च में 83-84 डॉलर प्रति बैरल थी। आखिरी बार मार्च में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपए प्रति लीटर की कमी की गई थी।
कंपनियों का मुनाफा और संभावित कमी
ICRA के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गिरीश कुमार कदम के अनुसार, मार्च से सितंबर 2024 के बीच पेट्रोल पर कंपनियों की कमाई ₹15 प्रति लीटर और डीजल पर ₹12 प्रति लीटर बढ़ गई है। यदि कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दामों में 2-3 रुपए प्रति लीटर की कटौती की जा सकती है।
आंध्र प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल
भारत में सबसे महंगा पेट्रोल आंध्र प्रदेश में है, जहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत ₹108.46 है। इसके बाद केरल में ₹107, मध्य प्रदेश में ₹106 और बिहार में ₹105 प्रति लीटर है। वहीं, डीजल की कीमत आंध्र प्रदेश में ₹96 प्रति लीटर है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने के मुख्य कारण
- कच्चे तेल की कीमतें
- अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स
- देश में फ्यूल की मांग
भारत अपनी जरूरत का 85% से अधिक कच्चा तेल आयात करता है, जिसकी कीमत डॉलर में चुकानी पड़ती है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे हो जाते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी, लेकिन अब यह जिम्मेदारी ऑयल कंपनियों की है। कंपनियां रोजाना अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स और अन्य खर्चों के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करती हैं।