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50वें CJI बनें जस्टिस DY Chandrachud: राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, 44 साल पहले पिता भी बनें थे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस

50वें CJI बनें जस्टिस DY Chandrachud: राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, 44 साल पहले पिता भी बनें थे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस
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50वें CJI बनें जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़: जस्टिस DY Chandrachud भारत के 50वें सीजेआई होंगे. राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रचूड़ को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है.

50वें CJI बनें जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़: जस्टिस DY Chandrachud भारत के 50वें सीजेआई होंगे. राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रचूड़ को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा.

8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व CJI यूयू ललित ने क़ानून मंत्री किरन रिजिजू से अगले सीजेआई के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की थी. यूयू ललित ने SC के जजों की उपस्थिति में पर्सनली जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी थी.

पिता 16वें CJI थें, डीवाई चंद्रचूड़ 50वें

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ (YV Chandrachud) 44 साल पहले देश के 16वें सीजेआई बनें थें. जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा. उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त होंगे. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं. वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं.

कौन हैं CJI डीवाई चंद्रचूड़

11 नवंबर 1959 को जन्में डीवाई चंद्रचूड़ देश के 16वें सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी (LLB) की. बॉम्बे हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू किया. 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था. वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. मई 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया. वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं. अब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के 50वें सीजेआई होंगे.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के चर्चित बड़े फैंसले (Big Decisions of Justice DY Chandrachud)

  • सबरीमाला केस
  • अयोध्या से जुड़े मामले
  • आधार से जुड़े मामले
  • समलैंगिकता से जुड़े केस
  • नोएडा ट्विन टावर गिराने का फैसला
  • हादिया केस को लव जिहाद नहीं माना
  • निजता को मौलिक अधिकार मानने का फैसला
  • अविवाहित को भी अबॉर्शन का अधिकार दिया.
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