Sonia Gandhi छोड़ देंगी अंतरिम अध्यक्ष पद, CWC की बैठक के पहले लिया फैंसला
नई दिल्ली. सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक होनी है. इसके पहले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी (SONIA GANDHI) ने अपना पद छोड़ने का फैंसला ले लिया है. SONIA GANDHI के अंतरिम पद को छोड़ने की अटकलें भी पिछले कई दिनों से जारी थी, जिस पर रविवार को उन्होंने मुहर लगा दिया है.
बता दें सोमवार को कांग्रेस के कार्यसमिति (CWC) की बैठक होनी है. इसके पहले ही सोनिया गाँधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने का फैंसला ले लिया है. माना जा रहा है लम्बे समय से उठ रहें पार्टी नेतृत्व को लेकर सुर के चलते SONIA GANDHI ने यह फैंसला लिया है. इसके साथ ही सोनिया गाँधी का अंतरिम अध्यक्ष के रूप में एक साल का कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा.
अगर वो पद से हटती हैं तो पार्टी को नया नेतृत्व ढूंढना होगा. सोनिया गांधी के अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटने पर अंतिम निर्णय कल होने वाली CWC की बैठक में लिया जाएगा. इस बैठक में नए नेतृत्व पर भी फैसला हो सकता है.
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सोनिया गांधी के इस फैसले की जानकारी तब सामने आई है जब पार्टी के कई नेताओं द्वारा लिखा हुआ एक पत्र सामने आया है जिसमें पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन और सुधार करने की मांग की गई है.
पत्र में भाजपा के उत्थान पर चिंता जताई गई है और पार्टी के लिए एक फुल-टाइम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई है. पत्र में कहा गया है कि देश आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और चीन से सीमा विवाद के संकट से जूझ रहा है. इन नेताओं का कहना है कि कार्य समिति से लेकर पार्टी के दसूरे सभी पदों के लिए चुनाव होने चाहिए. इसके साथ ही पार्लियामेंट्री बोर्ड को भी फिर से जीवित किया जाना चाहिए. पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख हैं- गुलाम नबी आजाद, आनन्द शर्मा, भूपिन्दर सिंह हूडा, वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चौहान आदि. पत्र में 23 नेताओं के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं.
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वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (PUNJAB CM AMARINDAR SINGH) ने कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले पार्टी के कुछ नेताओं के कदमों का विरोध करते हुए कहा है कि इस तरह का मुद्दा उठाने का यह समय नहीं है. सिंह ने कहा, 'इस महत्वपूर्ण समय में पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले कांग्रेस के इन नेताओं का कदम पार्टी के हितों और राष्ट्र के हितों के लिए हानिकारक होगा. कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि समूची पार्टी, समस्त कार्यकर्ताओं और देश के लिए स्वीकार्य हो.' साथ ही कहा कि गांधी परिवार इस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त है.