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38 साल बाद बंकर में मिला सियाचिन लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव, परिवार को सौंपा जाएगा

38 साल बाद बंकर में मिला सियाचिन लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव, परिवार को सौंपा जाएगा
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Lans naik Chandrashekhar Herbola's Body Found In B unker After 38 Years: 38 साल बाद शहीद का शव एक बर्फ से ढंके बंकर के अंदर मिला है

Siachen Lans naik Chandrashekhar Herbola: 38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) में शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला (Lans naik Chandrashekhar Herbola) बैच नंबर- 4164584 का शव एक बर्फ से ढके बंकर में शनिवार 13 अगस्त को पाया गया। बीते 38 सालों से उनकी पत्नी और उनकी बेटियों को शहीद चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर का इंतजार था। अब उनका शव 38 सालों के लंबे इंतजार के बाद उनके परिजनों के सौंप दिया जाएगा और जिस तरह एक वीरगति को प्राप्त हुए शहीद को सम्मान से विदा किया जाता है उसी प्रकार गार्ड ऑफ़ ऑनर देकर उनका अंतिम संस्कार होगा।


शहीद चंद्रशेखर हर्बोला के शव मिलने की किसी को उम्मीद नहीं थी, 38 साल पहले वह ऑपरेशन मेघदूत में अपना फर्ज निभाते वीरगति को प्राप्त हुए थे. सेना के जवानों ने कई महीने तक उनकी तलाश की, मगर पूरा इलाका बर्फ से ढाका हुआ था इसी लिए चंद्रशेखर हर्बोला का कोई सुराग नहीं मिल सका. लेकिन अब भारतीय सेना ने लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का शव खोज लिया है. जिस वक़्त चंद्रशेखर हर्बोला शहीद हुए थे तब उनकी बड़ी बेटी 8 तो छोटी बेटी सिर्फ 4 साल की थी.

29 मई 1984 के दिन शहीद हुए थे चंद्रशेखर हर्बोला

लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला 29 मई 1984 के दिन शहीद हुए थे, वह भारतीय फ़ौज की उस टीम का हिस्सा थे जिसे Point 6965 सियाचिन में कब्जा करने के लिए भेजा गया था. इस पॉइंट में पाकिस्तान की नापाक नजरें थीं. सियाचिन के पॉइंट 5965 में कब्जा करने के लिए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला को 19 कुमाऊं रेजिमेंट की टीम के साथ तत्काल प्रभाव से भेजा गया था.


ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचिन ग्लेशियर में कब्जा करने के लिए यह भारतीय सेना की कार्रवाई थी जो 29 मई 1984 के दिन हुई थी.

बर्फीले तूफान में फंस गए थे 19 जवान

ऑपरेशन मेघदूत के दौरान पॉइंट 6965 में कब्जा करने के लिए गई सेना की टीम एक बर्फीले तूफान में फंस गई थी. 14 जवानों के शव मिल गए थे लेकिन 5 जवानों का कुछ पता नहीं चल पाया था. 13 अगस्त 2022 के दिन 16000 फ़ीट की ऊंचाई पर एक सैनिक का कंकाल मिला। शव के पास में सेना के नंबर वाली डिस्क मिली जिससे चंद्रशेखर हर्बोला की पहचान हुई

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