Sedition Law In India: राजद्रोह कानून होगा खत्म! गृह मंत्री अमित शाह ने किया ऐलान
Sedition Law Kya Hai, Rajdroh Kanoon Amit Shah News: देश के नागरिको के लिए बड़ी खबर सामने आई है। बता दें की भारत में अब राजद्रोह कानून को खत्म किया जाएगा। इस क़ानून को खत्म करने की मांग लम्बे समय से किया जा रहा है। इसका ऐलान लोकसभा में खुद देश गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। इस दौरान अमित शाह ने लोक सभा में कहा की प्रधानमंत्री मोदी गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे।
— BJP (@BJP4India) August 11, 2023
आज मैं जो 3 विधेयक लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक मोदी जी द्वारा लिए गए प्रण में से… pic.twitter.com/QVPzJcffhY
आइये जानते हैं इस कानून (Sedition Law In Hindi) के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां:
Sedition Law In India
राजद्रोह कानून का इतिहास?
17वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा बनाये जाने वाले राजद्रोह कानून को भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए ( Indian Penal कोड Section 124A) के नाम से भी जाना जाता हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जद्रोह कानून का मसौदा मूल रूप से 1837 में ब्रिटिश इतिहासकार और राजनीतिज्ञ थॉमल मैकाले (Thomal Macaulay) द्वारा तैयार किया गया था। बता दें की उस वक्त ब्रिटिश हुकूमत इस कानून का प्रयोग उन लोगों के खिलाफ करती थी, जो लोग सरकार के प्रति अच्छी राय या विचार नहीं रखते थे और उसके खिलाफ बोलते थे।
Desh Droh Aur Raj Droh Kanoon Mei Antar
देश द्रोह और राजद्रोह में क्या अंतर है?
राजद्रोह कानून देश द्रोह से पूरी तरह से अलग है। देश द्रोह कानून का उपयोग केवल उन लोगों के खिलाफ किया जा सकता है जो देश के ख़िलाफ किसी गतिविधि में शामिल हों, या फिर ऐसे किसी आर्गेनाईजेशन से कनेक्टेड हों जो देश के खिलाफ काम कर रही हो, इसके साथ ही आतंकी विचारधारा वाले व्यक्ति या संगठन से संपर्क रखने वाले व्यक्ति पर भी देश द्रोह का केस दर्ज होता है।
तो दूसरी तरफ युद्ध (War) या उससे जुड़ी गतिविधियों में विरोधी देश को सहयोग करना भी देशद्रोह की श्रेणी (Desh Droh Kanoon) में आता है। बता दें की देशद्रोह कानून में दोषी पाए जाने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है .जबकि, राजद्रोह की सजा मामूली है।