Russia Ukraine War: यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की डिग्री का क्या होगा?
What will happen to the degree of medical students returned from Ukraine: जान बची तो लाखों पाए लेकिन जिनके घर वालों ने लाखों रुपए का कर्ज लेकर अपने बच्चे को डॉक्टर बनाने के लिए यूक्रेन पढाई के लिए भेजा था अब उस डिग्री का क्या होगा? ये सवाल अब हर उस छात्र और उनके पेरेंट्स को परेशान कर रहा है जो जंग के बीच अपनी जान बचाकर वापस देश लौट आए हैं.
यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों की डिग्री का क्या होगा?
ऐसे कई सवाल अब लोगों के मन में आने लगे हैं और उन लोगों के लिए परेशानी बन गए हैं जो अपना सबकुछ यूक्रेन में छोड़कर आए हैं. उनके पैसे, उनका समय और पढाई क्या सब बर्बाद हो जाएगी? या फिर जंग खत्म होने के बाद उन्हें फिर से कॉलेज में एडमिशन लेना होगा।
सरकार क्या कहती है
भारत ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्रों की इस परेशानी को देखते हुए राहत भरा जवाब दिया है, सरकार की तरफ से बताया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकिस्ता आयोग और निति आयोग को ऐसे उपाय खोजने के लिए कहा है ताकि यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र देश में रहकर ही अपनी मेडिकल की पढाई पूरी कर सकें। इसके लिए विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिग एक्ट में संशोधन और परिवर्तन के बारे में भी सोचा जा रहा है। फ़िलहाल देश की सरकार स्टूडेंट्स की वतन वापसी में ज़्यादा फोकस कर रही है जो ज्यादा जरूरी है।
कोरोना के कारण चीन से लौटे भारतीय अबतक वापस नहीं गए
छात्रों की जान बचने के बाद अब उन्हें अपने कॅरियर का डर सता रहा है, जिनके घर वालों ने लाखों रुपए की फीस जमा कर उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेजा था उनके मन में ऐसे सवाल होना लाजमी हैं. चिंता में डालने वाली एक बात ये है कि कोरोना से पहले जो इंडियन स्टूडेंट्स चीन में पढाई करते थे या नौकरी करते थे वो कोरोना के कारण वापस देश लौट आए, लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी वे अबतक वापस चीन नहीं लौटे। कुछ ऐसा ही यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय स्टूडेंट्स के साथ हो सकता है।