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रीवा के अनुभव की चाय सुट्टा बार ने कई देशों में बनाई अलग पहचान, 150 करोड़ पहुंचा सालाना टर्नओवर

Sanjay Patel
8 Feb 2023 2:55 PM IST
रीवा के अनुभव की चाय सुट्टा बार ने कई देशों में बनाई अलग पहचान, 150 करोड़ पहुंचा सालाना टर्नओवर
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MP News: रीवा में आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद अनुभव दुबे इंदौर पहुंच गए। यहीं से उन्होंने सोच लिया था कि चाय की ऐसी चेन बनाएंगे जो दुनिया में ब्रांड बनेगी।

रीवा में आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद अनुभव दुबे इंदौर पहुंच गए। जहां उन्होंने पढ़ाई के साथ कुछ अलग बिजनेस करने की ठानी। इस दौरान उनके द्वारा जब बिजनेस सर्च किया तो चाय ठेलों पर भीड़ नजर आई। यहीं से उन्होंने सोच लिया था कि चाय की ऐसी चेन बनाएंगे जो दुनिया में ब्रांड बनेगी। दोस्तों और किस्मत ने उनका साथ दिया। आज इंडिया के साथ दुनिया भर में उनकी पहली भारतीय चाय ब्रांड अपनी अलग पहचान बना चुकी है।

चाय का स्टाल खोलने दोस्त से लिए पैसे

अनुभव दुबे रीवा के शिव प्रसाद दुबे नगर निवासी हैं। उन्होंने आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई यहीं से की। आगे की पढ़ाई के लिए वह इंदौर गए जहां कामर्स से बीकाम किया। आईआईएम में एडमिशन के लिए कैट की तैयारी भी उनके द्वारा की गई। किंतु अंग्रेजी कमजोर होने के कारण उन्हें यह छोड़नी पड़ी। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी करने लगे किंतु कई प्रयासों के बावजूद इसमें भी उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी। तब उन्होंने बिजनेस करने की ठानी। जिसके लिए उनके द्वारा दोस्त आनंद नायक के साथ बिजनेस का सर्वे प्रारंभ किया। बाइक में 50 रुपए का पेट्रोल डलवाते और दिन भर बिजनेस के लिए जगह-जगह सर्वे करते। इस दौरान चाय ठेलों पर भीड़ नजर आने के कारण उनके दोस्त के पास जो पैसे थे उन्हें लेकर इंदौर के भंवरकुंआ में सबसे पहला चाय का स्टाल प्रारंभ किया।

चाय सुट्टा बार रखा नाम

पैसे नहीं होने के कारण पहला चाय का स्टाल सीमेंट के गोडाउन में प्रारंभ किया गया। इस दौरान स्टाल का नाम डेढ महीने तक रखा गया। उनके अधिकांश ग्राहक छात्र ही थी। जिनके भीतर एक क्यूरोसिटी डेवलप करने के लिए किसी डिफरेंट टाइप नाम की तलाश थी। काफी सोच विचार करने के बाद चाय स्टाल का नाम चाय सुट्टा बार रखा गया। अनुभव की मानें तो यहां केवल सुट्टा जैसी कोई चीज नहीं रखी जाती थी, न ही किसी को उपलब्ध कराई जाती थी।

ढाई हजार लोगों को दी फ्रेंचायजी

अब तक चाय सुट्टा बार के देश-दुनिया में 470 आउटलेट्स हो गए हैं। इसके बाद दुबई, नेपाल, मस्कट, ओमान, लंदन, यूके, यूएसए, कनाडा में आउटलेट्स शुरू किए जा रहे हैं। 28 वर्षीय अनुभव का कहना है कि उनके साथ 25सौ लोग फ्रेंचायजी लेकर काम कर रहे हैं। सभी आउटलेट्स का मिलाकर सालाना टर्नओवर 150 करोड़ के आसपास है। अभी हाल ही में मप्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप प्रोग्राम में सिलेक्ट हुए युवाओं को इंटर्नशिप में अनुभव दुबे मदद करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मौजूदगी में अनुभव ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन नीति संस्थान से एमओयू भी साइन किया है। आज इंडिया के साथ दुनिया भर में पहला भारतीय चाय ब्रांड अपनी अलग पहचान बना चुका है।

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