यहां नहीं थम रहा किसानों के मौत का सिलसिला, अब अधिकारी रहेंगे गांव में
Yavatmal Farmers Suicide News: कर्ज के बोझ तले दबे किसान, प्राकृतिक आपदा से बर्बाद होती फसलों के बोझ किसानो पर इतना बढ़ गया कि किसान आत्महत्या करने लगे। आज हालत यह है कि वर्ष 2022 के 9 माह में किसानो की मौत का आंकडा दो सकैड़ा पार कर गया हैं। हर दिन हो रही आत्महत्या इस आपदा से यवतमाल थर्रा उठा है। लोगों के मन में मौत का डर समा गया है। ऐसा लगाता है कि किसानो में जा शाहस होना चाहिए वह नही है। लोग मन से टूट चुके हैं। लेकिन सरकार इस ओर देखने के लिए तैयार नही है। केवल कागजी घोडे दौडाए जा रहे हैं।
यवतमाल में मौत का आंकड़ा
महाराष्ट्र के यवतमाल में अगस्त 2022 में 48 किसानों ने आत्महत्या कर ली। वहीं अगर वर्ष 2022 के अब तक के आंकडे को इकट्ठा कर लिया जाय तो यह संख्या 205 तक पहुंच जाती है। अगर समय रहते केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा ध्यान नही दिया गया तो यह आंकडा बढ़ता ही चला जायेगा।
गांव में रहेगे अधिकारी
यवतमाल में मौत का शिलशिला रोकने के लिए अब कलेक्टर अमोल येगे ने कहा कि 13-14 सितंबर को उनके साथ एक दिन बिताएंगे। किसानो के मन से आत्महत्या की भावना निकालने के लिए प्रयास किया जायेगा। किसानो के सरकारी योजनाओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जायेगी।
कलेक्टर की यह पहल कितनी कारगर होगी। इसके लिए अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह बात जरूर है कि कलेकटर को अपने पास पाकर किसानों का मनोबल अवश्य बढेगा।
किसान का दर्द
यही के एक स्थानीय किसान ने अपनी पीड़ व्यक्त करते हुए बताया कि उसके पिता पर 12 लाख का कर्ज था। पिता अक्सर आत्महत्या करने के लिए कहा करते थे। लेकिन घर के लोगो को विश्वास नही था। लेकिन पिता ने आत्महत्या कर ली। आज तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी गांव नही आया। कलेक्टर भी नही आये हैं।