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अब IAS अफसर नहीं रहेंगी पूजा खेडकर: UPSC ने सिलेक्शन रद्द किया, फर्जी पहचान से दी थी परीक्षा; कोई एग्जाम भी नहीं दे सकेंगी

Pooja Khedkar will no longer be an IAS officer
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UPSC ने ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का सिलेक्शन रद्द किया, फर्जी पहचान और गलत जानकारी देकर परीक्षा देने का आरोप।

ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर अब अफसर नहीं रहेंगी। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बुधवार को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और यह भी घोषणा की कि वह भविष्य में UPSC की कोई परीक्षा नहीं दे पाएंगी। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी उम्र, माता-पिता की जानकारी और पहचान बदलकर सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी थी और तय सीमा से ज्यादा बार परीक्षा दी।

UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को सिविल सर्विसेस परीक्षा 2022 के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया। पूजा को 2022 में 841वीं रैंक मिली थी और वह 2023 बैच की ट्रेनी IAS अफसर थीं। उन्होंने जून 2024 से ट्रेनिंग शुरू की थी।

पूजा खेडकर को लेकर UPSC ने क्या कहा?

UPSC ने बताया कि पूजा खेडकर को नियमों का उल्लंघन करने के कारण 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्हें 25 जुलाई तक जवाब देने का समय दिया गया था, लेकिन पूजा ने आवश्यक दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने उन्हें 30 जुलाई दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।

UPSC की जांच

पूजा के केस की जांच में 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक उम्मीदवारों के डेटा की समीक्षा की गई। जांच में पाया गया कि केवल पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर ने ही सिविल सर्विसेस परीक्षा के नियमों का उल्लंघन करते हुए कई बार अपने नाम और माता-पिता के नाम बदलकर परीक्षा दी थी। UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) के अनुसार, उनके अटेम्प्ट्स की सही संख्या का पता नहीं चल सका।

कैसे हुए मामले का खुलासा

पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग ले रही थीं, जहां उनके खिलाफ सुविधाएं मांगने और वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायतें आईं। वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगाकर ऑफिस पहुंची थीं। पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया। जांच के दौरान यह पता चला कि पूजा ने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ विस्तृत जांच की गई और कई खुलासे हुए।

पूजा खेडकर से जुड़े 10 विवाद

  1. अपनी पर्सनल ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगवाने के बाद सुर्खियों में आईं। यह कार एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।
  2. असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में जॉइनिंग से पहले ही VIP नंबर प्लेट वाली सरकारी गाड़ी, आवास, स्टाफ के साथ चैंबर और एक कांस्टेबल की मांग की। ये सुविधाएं सिर्फ सीनियर अधिकारियों को मिलती है।
  3. पिता ने बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर के ऑफिस पर दबाव डाला। पूजा ने सीनियर ऑफिसर अजय मोरे के चैंबर पर कब्जा करने के लिए वहां से उनका नेम प्लेट हटा दिया।
  4. खुद को OBC कैटेगरी से होने का दावा किया। जबकि OBC सर्टिफिकेट के लिए पेरेंट्स की सालाना इनकम 8 लाख या उससे कम होनी चाहिए। जबकि, चुनावी हलफनामे में उनके पिता की सालाना इनकम 43 लाख रुपए और कुल संपत्ति 40 करोड़ है।
  5. UPSC को दिए हलफनामे में मानसिक रूप से अक्षम होने और देखने में भी दिक्कत होने का दावा किया। परीक्षा के दौरान विशेष आवास की मांग की। लेकिन अब तक 6 बार मेडिकल टेस्ट देने से इनकार चुकी हैं।
  6. पुणे और अहमदनगर में सात अचल संपत्तियां हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 17 से 22 करोड़ के बीच है। इनमें से दो प्रॉपर्टी उनकी मां ने गिफ्ट की है। सातों प्रॉपर्टी से हर साल 42 लाख रुपए कमा रही हैं।
  7. पूजा ने नाम बदलकर UPSC परीक्षा देने का आरोप है। 2019-20 में नाम 'पूजा दिलीपराव खेडकर' था। 2021- 2022 में 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' कर लिया। 2019-20 तक पिता के नाम की स्पेलिंग Dilip थी, इसे 2021 में बदलकर 'Deelip' कर दिया गया।
  8. फर्जी दस्तावेजों से 11 बार UPSC परीक्षा देने की भी बात सामने आई है, जबकि OBC वर्ग को 35 साल तक नौ मौके ही मिलते हैं। वहीं, जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है।
  9. पूजा ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में 2020 में लगाए आवेदन में अपनी उम्र 30 साल बताई। वहीं, 2023 में दिए आवेदन में उन्होंने अपनी उम्र 31 साल उम्र बताई। 3 साल के अंतराल में उनकी उम्र सिर्फ 1 साल कैसे बढ़ सकती है?
  10. पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे। नियमों के तहत सर्टिफिकेट के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।

पूजा को गिरफ्तारी का डर, अग्रिम जमानत पर फैसला कल

वहीं दिल्ली की एक अदालत धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में पूजा की अग्रिम जमानत याचिका पर 1 अगस्त को अपना फैसला सुना सकती है। एडिशनल सेशन जज देवेंद्र कुमार जंगाला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

पूजा खेडकर ने वकील के माध्यम से दावा किया था कि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है। UPSC की ओर से पेश हुए वकील ने आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने सिस्टम को धोखा दिया है। पूजा ने कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उसके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की संभावना अभी भी बनी हुई है। वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं।

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