Rabi Crop MSP 2021: प्रधानमंत्री ने किसानों की ली सुध, बढ़ाई गई रबी फसलों की एमएसपी
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में हाल के दिनों में हुई बैठक के बाद रबी फसलों (Rabi Crop) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) में वृद्धि की है। सरकार ने रबी की मुख्य दलहन तथा तिलहन जिसमें मसूर तथा सरसों में 400 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई वही जौ में मात्र 35 रूपए की बढ़ोत्तरी की गई ही। वहीं किसानों ने गेहूं में 40 रूपये एमएसपी बढ़ाए जाने पर असंतुष्टता जाहिर की है।
क्या है एमएसपी (MSP)
एमएसपी (Minimum Support Price) किसानों की फसल का न्यूनतम मूल्य जो सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों से उसके अनाज की खरीदी करती है। एमएसपी के माध्यम से सरकार ज्यादातर फसलों के भाव निर्धारित करती है। ऐसे में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल सीधे सरकार को बेंचकर लाभ अर्जित करता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कि मोदी सरकार ने रवि फसलों पर एक बार फिर एमएसपी में बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि यह बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों को लाभ मिलेगा। खेती में बढ़ रही लागत मूल्य और उपज के अनुरूप एमएसपी निर्धारित की जाती है।
सरसों और मसूर को ज्यादा महत्त्व
वर्ष 2022-23 मे रबी फसलों के लिए सरकार द्वारा दाम निश्चित किए गए हैं। मसूर और सरसों को सर्वाधिक आ गया तो वहीं जौ में मात्र 35 रूपये की वृद्धि की गई है। गेहूं में 40 रूपये, चने में 130 रूपये तो वहीं मसूर और सरसों में 400 रूपये प्रति कुंटल का इजाफा किया गया है।
क्या कहते हैं किसान
केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई वर्ष 2022-23 की एमएसपी पर किसानों का कहना है की सरकार ने सबसे ज्यादा उत्पादक वाली फसल गेहूं और चने में नाम मात्र की वृद्धि की है। जबकि इनमें उत्पादन लागत भी ज्यादा है। वही डीजल के बढे दाम किसानों भारी पड़ रहा है। मसूर और सरसों की तरह ही 400 से 500 प्रति कुंटल गेहूं की एमएसपी (MSP) की वृद्धि करनी चाहिए थी।
बिजली संकट से किसान परेशान
एक और जहां किसान महंगाई की मार से जूझ रहा है वही बिजली संकट से किसानों की खरीफ की मुख्य फसल धान चौपट होने की कगार पर है। लगातार हो रही बिजली कटौती, बिगड़े ट्रांसफार्मर, लटक रहे बिजली के तार से किसान परेशान है। बिजली विभाग में शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नही हो रही है।