घट रहे प्याज के दाम, किसानों के आंखों से निकल रहा आंसू
प्याज उत्पादक किसान इस समय प्याज के दाम कम होने से खून के आंसू रो रहे हैं। लेकिन अभी तक सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। किसानों का कहना है कि वह 7 से 8 रुपए में प्याज बेचने को मजबूर है। जबकि प्याज में लागत देखी जाए तो 20 रुपए के आसपास है। किसान चाहते हैं कि मिल रही कीमत और लागत बीच के अंतर को देखते हुए सरकार उसकी भरपाई करे। तभी किसान इस बड़े नुकसान से उबर पाएगा।
कई मंडियों में प्याज के दाम 1 रुपए
देखा गया है कि नासिक जहां प्याज का सर्वाधिक उत्पादन होता है। वहा इस वर्ष रवि के मौसम में उत्पादित होने वाली प्याज की कीमत जमीन पर है। कई मंडियों में तो प्याज के दाम एक रुपए किलो पहुंच गए हैं। इसके बाद भी न तो देश की सरकार ध्यान दे रही है और न ही प्रदेश की सरकारें किसानों के लिए कोई भी राहत देने कदम उठा रही है।
आंदोलन के मूड में किसान
किसानों का कहना है कि अगर समय रहते सरकार ध्यान नहीं देती है तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। कई जगह के किसानो ने तो आंदोलन भी शुरू कर दिया है।
हालत यह है कि नासिक मंडी में कई टन प्याज खुले में पड़ी हुई है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर केंद्र और राज्य सरकार ने उनकी मदद नहीं कर पाए तो वह आंदोलन और तेज करेंगे।
नासिक शहर में कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए किसानों ने कहा की 10 वर्ष पहले सैलून की दुकान में बाल कटवाने का जो रेट था क्या आज वही रेट है। अगर नहीं है तो प्याज में 10 साल पूर्व का रेट क्यों मिल रहा है। जबकि फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड की कीमतें लगातार बढ़ी हैं। इन हालातों में किसान खेती को कैसे लाभ का धंधा बना सकता है।
औने-पौने दाम में प्याज बेच रहे किसान
जून का महीना शुरु हो गया है। कभी भी बरसात हो सकती है। अगर किसान प्याज का रेट पाने का इंतजार करते हैं तो बात बिगड़ सकती है। क्योंकि प्याज की फसल पूरी तरह से बनकर तैयार है। अगर इस पर पानी पड़ गया तो फिर प्याज पूरी किसानी पर पानी फिर जाने के बराबर है। पानी से प्याज को बचाना नामुमकिन होता है। इस चिंता के मारे किसान प्याज औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं।