हिमालय के बाबा चलाते थे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज! पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण ने बड़ी अजीब बातें कही हैं
CHITRA RAMKRISHNA
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण के मुंबई स्तिथ घर में इनकम टैक्स विभाग ने 11 फरवरी को छापा मारा, NSE के मार्केट रेगुलेटर SEBI ने चित्रा रामकृष्ण पर यह आरोप लगाया था की उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किसी अज्ञात बाबा से NSE के गोपनीय दस्तावेजों को साझा किया था. जिसपर SEBI के मार्केट रेगुलेटर ने करवाई करते हुए 3 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया है. आपको बता दें की विश्व की सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज है जहां से प्रतिदिन अरबों का कारोबार होता है.
क्या है पूरा मामला?
BSE रेगुलेटर के 11 फरवरी के आदेश में कहा गया है कि रामकृष्ण 20 वर्षों तक एक फेसलेस "सिद्ध पुरुष / योगी", "एक परमहंस जो बड़े पैमाने पर हिमालय पर्वतमाला में निवास कर सकते हैं" द्वारा निर्देशित थीं। सेबी ने कहा, "यह अज्ञात व्यक्ति है जो एनएसई चला रहा था और रामकृष्ण उसके हाथ की कठपुतली थी. 11 फरवरी को SEBI ने NSE के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर एवं पूर्व CEO रामकृष्ण पर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति करने के और अनुबंध नियमों का उल्लंघन करने सहित NSE की गुप्त जानकारियों को साझा करने के लिए NSE पर 2 करोड़ और राम कृष्णा पर 3 करोड़ का जुर्माना लगाया है. SEBI के यह भी आरोप हैं के राम कृष्ण ने अपने कार्यकाल के दौरान NSE की जानकारी को कई बार उस अज्ञात बाबा से मिलकर साझा किया है.
SEBI ने रामकृष्ण से क्या क्या पूछा?
सेबी: क्या आप कृपया ईमेल आईडी धारक '[email protected]' की पहचान साझा कर सकते हैं?
रामकृष्ण: सिद्ध पुरुष/योगी एक परमहंस हैं जो बड़े पैमाने पर हिमालय पर्वतमाला में निवास कर सकते हैं। मैं उनसे कई बार पवित्र स्थानों पर मिली हूं। कोई स्थानीय निर्देशांक नहीं दिए गए हैं।
सेबी: इस तथ्य को देखते हुए कि सिद्ध पुरुष मुख्य रूप से हिमालय पर्वतमाला में रहते हैं, कृपया बताएं कि उन्होंने ईमेल कैसे एक्सेस किया होगा और नियमित रूप से आपके साथ पत्र व्यवहार किया होगा।
रामकृष्ण: जहाँ तक मेरी जानकारी है, उनकी आध्यात्मिक शक्तियों के लिए उन्हें इस तरह के किसी भी भौतिक समन्वय की आवश्यकता नहीं है।
सेबी: क्या आप कृपया साझा कर सकते हैं कि आप उनसे कब मिले थे और किसने आपको उनसे मिलवाया था?
रामकृष्ण : लगभग 20 साल पहले मैं उनसे पहली बार गंगा तट पर सीधे मिला था। इसके बाद, वर्षों से, मैंने कई व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन लिया है। रास्ते में, चूंकि वह अपनी इच्छा से प्रकट होता था और मेरे पास कोई स्थानीय निर्देशांक नहीं था, मैंने उनसे एक ऐसा तरीका मांगा, जिससे जब भी मुझे आवश्यकता महसूस हो, मैं उनका मार्गदर्शन प्राप्त कर सकूं। तदनुसार, उसने मुझे एक आईडी दी जिस पर मैं अपने अनुरोध भेज सकता था।
सेबी: क्या सिद्ध पुरुष कोई ऐसा व्यक्ति है जो किसी समय एनएसई/एनएसई गवर्निंग बोर्ड से था?
रामकृष्ण: नहीं, वह एक आध्यात्मिक शक्ति है।
सेबी: क्या आप कृपया विस्तार से बता सकते हैं कि एनएसई में कामकाज और पदानुक्रम पर बहुत से जटिल विवरणों के बारे में 'सिद्ध पुरुष' को कैसे पता था?
रामकृष्ण: मोटे तौर पर, मैं वह इनपुट प्रदान करती हूँ ।
सेबी: अधिकांश पत्राचार में, यह देखा गया है कि आनंद सुब्रमण्यम को एक प्रति के रूप में चिह्नित किया गया था। कृपया समझाएँ?
रामकृष्ण: मुख्य रूप से, मैं उन मुद्दों पर स्पष्टता रखती था जो मैंने मांगे थे। वह और किसके साथ और किसके साथ पत्र-व्यवहार करेगा, यह मेरे दायरे से बाहर था। हो सकता है कि उसने कई अन्य लोगों के साथ भी पत्राचार किया हो।
सेबी: संगठनात्मक संरचना और शासन सिद्धांत के अनुसार, उपरोक्त संगठनात्मक मामलों पर परामर्श और मार्गदर्शन के लिए स्वतंत्र रूप से गठित बोर्ड उपलब्ध था। कृपया बताएं कि क्या सिद्ध पुरुष के साथ उपरोक्त परामर्श शासन के सिद्धांत का उल्लंघन करता है?
रामकृष्ण: मैं यह बताना चाहूंगी कि बोर्ड और या अन्य उपलब्ध विशेषज्ञों से जो भी चर्चा और मार्गदर्शन मांगा जाता है, वह हमेशा किया जाता है। एक एमडी और सीईओ के रूप में इससे पहले कि मैं केवल अपने विचार के परिप्रेक्ष्य में आ सकूं, मार्गदर्शन मांगा जाता है। यह केवल मुझे अपनी भूमिका में प्राथमिक दृष्टिकोण रखने में सक्षम बनाने के लिए है। जैसा कि हम जानते हैं, वरिष्ठ नेता अक्सर इस उद्योग में प्रशिक्षकों, सलाहकारों या अन्य वरिष्ठों से अनौपचारिक सलाह लेते हैं जो पूरी तरह से अनौपचारिक प्रकृति के होते हैं। इसी तरह के तनाव में, मुझे लगा कि यह मार्गदर्शन मुझे अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाने में मदद करेगा। प्रकृति में आध्यात्मिक होने के कारण, संगठन के लिए किसी भी गोपनीयता या अखंडता के मुद्दों से समझौता करने का सवाल नहीं होगा। साझा की गई जानकारी के कारण किसी भी व्यक्तिगत लाभ का कोई सवाल ही नहीं होगा। इसलिए, मुझे लगा कि इससे मुझे संगठन के सर्वोत्तम हित में प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
कौन है NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण?
चित्रा रामकृष्ण स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की प्रबंध निदेशक थी. रामकृष्ण का कार्यकाल 2013 से लेकर 2016 तक था. 59 वर्षीय रामकृष्ण पेशे से एक चार्टेड अकाउंटेड थीं और उनके CA का प्रशिक्षण NSE से ही संबंधित था. उन्होंने 1985 में IDBI के प्रोजेक्ट फाइनेंस डिवीजन में अपना करियर शुरू किया, NSE में शामिल होने से पहले उन्होंने एक संक्षिप्त अवधि के लिए बाज़ार नियामक SEBI के लिए भी काम किया था. 90 के दशक में जब हर्षद मेहता स्कैम हुआ था तब समस्याओं को हल करने और NSE में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक 5 सदस्यों की टीम बनाई थी जिसका काम था NSE में हो रहे व्यापार को सक्षम करने के लिए एक स्क्रीन-आधारित अखिल भारतीय स्टॉक एक्सचेंज बनाना, राम कृष्णा ने NSE के CEO पद को दिसंबर 2016 में छोड़ दिया थाा
कौन है चित्रा रामकृष्ण के रहस्मयी बाबा?
रामकृष्ण का मानना है की यह बेनाम बाबा हिमालय की चोटी में रहता है और वह बेहद ही रहस्मयी शक्तियों का इस्तेमाल करना जानते हैं. रामकृष्ण का कहना है की वह इस बाबा से पिछले 20 वर्षों से अपने जीवन के बारे में हर सलाह लेती है और बाबा उसके परामर्शदाता हैं राम कृष्ण इस बाबा को शिरोमणि कहतीं हैं जो उन्हें बीते 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर राह दिखा रहें थे. चित्रा, बाबा से इतनी प्रभावित थी की उन्होने उनकी सलाह पर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति कर दिया था. चित्रा का यह विश्वास है की बाबा इतने शक्तिशाली हैं की वे जब चाहें और जहाँ चाहें अपनी आध्यात्मिक शक्तियों के द्वारा प्रकट हो सकते हैं, साथ ही बाबा अपनी शक्तियों के द्वारा कठिन से कठिन कार्य को चुटकी बजाकर कर सकते हैं.
SEBI की यह आशंका है की आनंद सुब्रमण्यम ही बाबा है और वही खुद को चित्रा के सामने बाबा के रूप में प्रस्तुत करता था SEBI की यह आशंका इस लिए महतवपूर्ण है क्यूंकि सुब्रमण्यम के डेस्कटॉप पर "anand.subramanian9" और "sironmani.10" नाम से स्काइप अकाउंट मिले थे। ये अकाउंट '[email protected]' और सुब्रमण्यम के मोबाइल नंबर से जुड़े थे। हालांकि, सेबी इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं खोज पाई है।