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CBSE की मार्कशीट में अब परसेंटेज नहीं, ग्रेड पॉइंट्स मिलेंगे: 10वीं-12वीं के बोर्ड एग्जाम के ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव किया गया, डिवीजन सिस्टम भी समाप्त

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
1 Dec 2023 6:18 PM
Updated: 1 Dec 2023 6:18 PM
no percentage in CBSE marksheet
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अब CBSE के रिजल्ट में केवल CGPA यानी ग्रेड पॉइंट्स ही दिए जाएंगे।

CBSE ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में परसेंटेज हटाने का फैसला किया है। अब रिजल्ट में केवल CGPA यानी ग्रेड पॉइंट्स ही दिए जाएंगे।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणामों में बदलाव किया है। अब परिणामों में प्रतिशत या कुल अंक नहीं दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, डिवीजन (प्रथम, द्वितीय या तृतीय) और डिस्टिंक्शन भी नहीं दिए जाएंगे। अब परिणामों में केवल CGPA (कुल ग्रेड पॉइंट औसत) यानी ग्रेड पॉइंट ही दिए जाएंगे।

यह बदलाव छात्रों को उनकी उपलब्धियों को अधिक सटीक रूप से समझने में मदद करेगा। अब छात्रों को केवल उनके अंकों के प्रतिशत के आधार पर नहीं आंका जाएगा, बल्कि उनकी कुल उपलब्धियों को देखते हुए उनकी ग्रेडिंग की जाएगी।

बदलाव से लाभ

  • यह छात्रों को उनकी उपलब्धियों को अधिक सटीक रूप से समझने में मदद करेगा।
  • यह छात्रों के बीच तुलना को कम करेगा।
  • यह छात्रों को अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।
  • ओवरऑल परसेंटेज की बजाय अब हर सब्जेक्ट के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाएंगे और उनके एवरेज से CGPA कैलकुलेट किया जाएगा।
  • इस बदलाव से एडमिशन देने वाले संस्थानों को भी आसानी होगी।
  • अब उन्हें छात्रों के प्रतिशत को किसी अन्य यूनिट में बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • यह बदलाव 2024 से लागू होगा।
  • कुल मिलाकर, यह एक सकारात्मक बदलाव है जो छात्रों के लिए फायदेमंद होगा।

CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा कि ऐसा करने से ट्रेडिशनल ग्रेडिंग सिस्टम खत्म होगा। अब हम सभी विषयों के अंकों को जोड़कर प्रतिशत निकालकर परिणाम की गणना करने के बजाय हर विषय में छात्र ने कैसा प्रदर्शन किया है, इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

इसका मतलब है कि कुल प्रतिशत के बजाय अब प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाएंगे और उनके औसत से CGPA की गणना की जाएगी।

एक जैसे ग्रेडिंग सिस्टम होने से प्रवेश देने वाले संस्थानों को आसानी होगी। किसी भी संस्थान को मेरिट सूची तैयार करने के लिए प्रतिशत को किसी अन्य इकाई में बदलने की आवश्यकता नहीं होगी।

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