Darbhanga AIIMS Issue: न दूसरी जमीन मिलेगा न बनेगा, तो क्या केन्द्र व बिहार के झगड़े में फंस गया दरभंगा एम्स?
Darbhanga AIIMS: दरभंगा एम्स केन्द्र और बिहार के झगड़े में फंस गया है। इसके निर्माण के लिए जो जमीन सरकार द्वारा दी गई उसको एक्सपर्ट कमेटी ने यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया है कि वह बाढ़ प्रभावित इलाका है। वहां की मिट्टी हैवी स्ट्रक्च्र के लिए सही नहीं है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश ने स्पष्ट कहा है कि यदि AIIMS बनाना है तो वहीं पर बनाना होगा जहां पर जमीन दी गई है।
दरभंगा में एम्स की जमीन को लेकर फंसा है पेंच
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों से लग रहा है कि राज्य को दूसरा एम्स (दरभंगा) का सपना पूरा नहीं होगा। विगत सात वर्षों से जमीन को लेकर पेंच फंसा हुआ है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने बिहार सरकार की 151 एकड़ जमीन को रिजेक्ट कर दूसरी जगह भूमि उपलब्ध कराने की मांग की है। जिसको नीतीश सरकार पूरा करने के मूड में नही हैं। सीएम नीतीश कुमार का स्पष्ट कहना है कि ।AIIMS बनेगा तो वहीं पर बनेगा, नही तो जो करें, उनकी मर्जी। आपको यदि एम्स का निर्माण करना है तो वहीं बनाना होगा। नही तो आपको जो मन हो वह करिए। यह जगह बहुत अच्छी थी लेकिन पता नहीं केन्द्र सरकार के मन में क्या है? अभी कहने लगे कि वहां नहीं बनेगा? आखिर क्यों?
सीएम नीतीश ने Darbhanga AIIMS को लेकर क्या कहा?
दरअसल Darbhanga AIIMS का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। यह दिनों दिन उलझता ही जा रहा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम जहां कह रहे हैं, वहीं एम्स बनाना होगा। जबकि केन्द्र सरकार उस जगह को पहले ही रिजेक्ट कर चुकी है। इससे अब यह कयास लगाने जा रहे हैं कि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बदतर बिहार को दूसरा एम्स नहीं मिलेगा जिसके निर्माण को लेकर जमीन में ही पेंच फंस गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि हमने जो जमीन दी है वहीं एम्स का निर्माण होगा नहीं तो आपका जैसा मन हो वैसा करें।
सियासी बयानबाजी का दौर जारी
दरभंगा एम्स को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। एक कार्यक्रम के दौरान पटना में सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि हम चाहते थे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को ही एम्स बना दिया जाए किंन्तु वे (केन्द्र सरकार) तैयार नहीं हुए। हमने उन्हें शोभन बायपास पर जमीन दी। अब वे उस जमीन पर भी एम्स बनाने को तैयार नहीं हैं। किंतु हमारा स्टैंड साफ है, यदि आपको करना है तो वहीं बनाना होगा। नहीं तो आपको जो करना हो करिए। उनका कहना था कि वह अच्छी जमीन है। वहां से आने-जाने में हर जगह के लोगों को सुविधा होगी।
Darbhanga AIIMS को लेकर कहां से शुरू हुई बयानबाजी?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 अगस्त को पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए दरभंगा एम्स को लेकर बयान दिया था। जिसमें दरभंगा में एम्स बन जाने की बात कही गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए असम के गुवाहाटी से लेकर पश्चिम बंगाल के कल्याणी तक, झारखंड देवघर से लेकर बिहार में दरभंगा तक इस प्लानिंग के साथ नए-नए एम्स खोले गए हैं जिससे लोगों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर न जाना पड़े।
151 एकड़ जमीन को किया रिजेक्ट
AIIMS दरभंगा को लेकर बिहार सरकार द्वारा 151 एकड़ जमीन दी गई थी जिसको केन्द्र सरकार की टीम ने रिजेक्ट कर दिया है। यहां पर मिट्टी भराई का काम प्रारंभ कर दिया गया था। पीएम मोदी के इस बयान को लेकर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बीच सोशल मीडिया पर सबूतों के साथ सियासी जंग छिड़ गई। जिसके बाद राजनैतिक बयानबाजी का दौर प्रारंभ हो गया।
दरभंगा AIIMS को लेकर क्यों फंसा है पेंच?
दरभंगा में एम्स बनाने को लेकर जमीन में पेंच फंसा हुआ है। सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि उन्होंने सरकार को ऑफर किया था कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अपग्रेड कर एम्स में तब्दील कर दिया जाए। तब केन्द्र की ओर से कहा गया कि पूरे देश में एम्स को लेकर जो पॉलिसी है, उसके तहत किसी पुराने मेडिकल कॉलेज को एम्स में कन्वर्ट नहीं किया जा सकता। इसके बाद राज्य सरकार ने DMCH कैम्पस में 81 एकड़ जमीन एम्स प्रोजेक्ट को देने का प्रस्ताव दिया किंतु बाद में इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने वापस ले लिया।
केन्द्र की टीम ने किया मौका मुआयना
बिहार सरकार द्वारा केन्द्र को यह प्रस्ताव भेजा गया कि दरभंगा शहर के बाहर शोभन बाइपास पर एम्स बनाया जाए। जिसके लिए 151 एकड़ जमीन भी राज्य सरकार द्वारा मुहैया करा दी गई। बिहार सरकार ने कहा कि बरसात के मौसम में जमीन में पानी लग जाता है जिसको वह अपने पैसे से ऊंचा कराकर देगी। जिसके बाद केन्द्र सरकार की एक टीम ने जमीन का मुआयना किया। जिसने स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट दी चूंकि यह जलजमाव वाला इलाका है। इसलिए यहां की मिट्टी पर हैवी स्ट्रक्चर का निर्माण नहीं कराया जा सकता। राज्य सरकार इसके निर्माण के लिए कोई दूसरी जमीन उपलब्ध करवाए। अब सीएम नीतीश कुमार से स्पष्ट कह दिया कि बनाना है तो वहीं बनाइए, नहीं तो जो मन आए करिए। इसके बाद से दरभंगा एम्स का मामला फंस गया है।