Nautapa 2023: नौतपा कब से शुरू होगा? अप्रैल की गर्मी से त्रस्त होने वालों, यह तो सिर्फ ट्रेलर है
Nautapa 2023 Start Date, नौतपा कब शुरू होगा, नौतपा 2023: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. मार्च के अंतिम दिनों की बारिश ने आपको ठंडा रखने की भरपूर कोशिश की मगर सूर्य देव को भी तो अपना प्रकोप दिखाना है. मौसम विज्ञान विभाग कहता है कि इस साल भयंकर गर्मी पड़ने वाली है इतनी तेज गर्मी पड़ेगी कि इतिहास के सबसे गर्म दिनों के रिकॉर्ड भी पिघल जाएंगे। अप्रेल के दूसरे पखवाड़े के बाद पारा 43 डिग्री तक जा सकता है.
गर्मी के दिनों सिर्फ उन लोगों को पसंद आते हैं जहां 8 महीने बर्फ पड़ती है. लेकिन भारत जैसे देश में गर्मी का मतलब बेचैनी, बोरियत, पसीना और थकान होता है. अगर अप्रेल के इन 15 दिनों में ही गर्मी से आपकी बुद्धि खुल गई है तो जरा सोचिये नौतपा 2023 शुरू होगा तो क्या होगा?
नौतपा 2023 कब शुरू होगा
नौतपा के 9 दिन ऐसे होते हैं जहां सूर्य देव आसमान से आग बरसाते हैं. इन नौ दिनों पर ही डिपेंड करता है कि आने वाला मौसम यानी मानसून कैसा होगा। अगर नौतपा में खूब गर्मी पड़ती है तो माना जाता है कि मानसून अच्छा होगा।
नौतपा 2023 की डेट जानने के साथ ही अपन ये भी जानते हैं कि नौतपा 9 दिन का क्यों होता है और क्यों इन 9 दिनों में ही सबसे ज़्यादा गर्मी पड़ती है. साथ ये भी जानेंगे कि नौतपा का मानसून से क्या संबंध है?
Nautapa 2023 Start Date
पंचांग के हिसाब से साल 2023 में नौतपा 25 मई से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 3 जून को होगी
नौतपा क्या होता है
नौतपा एक खगोलीय विज्ञान और गणना है. कोई तुक्केबाजी नहीं है. जब सूर्य रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो सूर्य, मंगल, बुध और शनी के समसप्तक योग होने से धरती के एक हिस्से में भारी गर्मी पड़ती है।
नौतपा क्यों पड़ता है
साल के 365 दिनों में से रोहणी नक्षत्र के 15 दिन होते हैं. लेकिन शुरुआती 9 दिनों में चन्द्रमा जिन नक्षत्रों में रहता है उसे नौपता कहा जाता है. मई के आखिरी दिनों में सूर्य और पृथ्वी की दूरी सबसे कम हो जाती है.
नौतपा में 9 दिन क्यों होते हैं
रोहणी नक्षत्र में ऐसे सिर्फ 9 दिन होते हैं जहां पृथ्वी और सूर्य की दूरी सबसे करीब होती है. 10वें दिन से यह दूरी बढ़ने लगती है.
नौतपा और मानसून का क्या संबंध है
कहा जाता है कि अगर नौतपा में भयंकर गर्मी पड़ती है तो मानसून में बढ़िया बारिश होती है, और अगर नौतपा में ही पानी बरस जाए तो समझा जाता है कि मानसून कमजोर होगा।