MISSION MARS 2020 / भारतीय मूल की Dr Swati Mohan ने कहा 'Touchdown Confirmed', ख़ुशी से झूम उठा NASA
NASA (National Aeronautics and Space Administration) के Perseverance rover ने स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार को सफल लैंडिंग मंगल ग्रह (Mars) पर कर ली है. इस लैंडिंग का श्रेय भारतीय मूल की इंजीनियर स्वाति मोहन (Swati Mohan) को जाता है. NASA के इस मिशन का उन्होंने Landing और Altitude Control का जिम्मा सम्हाला था.
203 दिन का यह बेहद ही चलैंजिंग मिशन था. इस दौरान 6 पहियों वाले रोबोट ने सात महीने में 47 करोड़ किलोमीटर का सफर पूरा किया. सांसें रोक देने वाला पल तब आया जब नासा (NASA) का पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मार्स की सतह पर उतरने वाला था. आखिरी 7 मिनट में रफ्तार '0' पर लानी थी. फिर Safe Landing जरूरी थी. बहरहाल, यह सब Swati Mohan के जिम्मे था, जिसे उन्होंने पूरी लगन और मेहनत से कामयाब कर दिया. NASA के इस मिशन पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई थी.
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कामयाबी भी इतनी आसानी से नहीं मिली, इससे पहले Perseverance Rover ने जैसे ही Mars के वायुमंडल में प्रवेश किया, एक बड़ा धमाका हुआ लेकिन रोवर ने सात मिनट के धमाके से बचते हुए ऐतिहासिक लैंडिंग सफलतापूर्वक कर ली.
जैसे ही Perseverance Rover की मार्स के सतह पर लैंडिंग हुई, स्वाति ने ख़ुशीपूर्वक कहा "Touchdown Confirmed मंगल ग्रह की सतह पर रोवर सुरक्षित है, जो पिछले जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है." NASA की टीम और दुनिया इन्ही शब्दों को सुनने के लिए बेसब्र थी और Touchdown Confirmed सुनते ही टीम ख़ुशी से झूम उठी.
जब पूरी दुनिया अमेरिकी रोवर की नाटकीय लैंडिंग देख रही थी, तब स्वाति मोहन कंट्रोल रूम में शांत भाव से GN&C सिस्टम और प्रोजेक्ट टीम से संवाद और सम्नवय कर रही थीं.
कौन हैं डॉ. स्वाति मोहन?
नासा की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) भारतीय मूल की रहने वाली हैं. जब वह एक साल की थीं तभी भारत से अमेरिका चली गई थीं. उनका ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बीता है. वह 16 वर्ष की उम्र तक बच्चों का डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन 9 साल की उम्र में स्वाति ने पहली बार 'Star Trek' देखी थी, जिसके बाद वह ब्रह्मांड के नए क्षेत्रों के सुंदर चित्रणों से काफी चकित थीं. जल्द ही उन्होंने महसूस किया वह "ब्रह्मांड में नए और सुंदर स्थान ढूंढना चाहती हैं."
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डॉ. स्वाति मोहन फिजिक्स की टीचर से काफी प्रभावित थीं. उन्होंने Cornell University से Mechanical and Aerospace Engineering में स्नातक की डिग्री हासिल की. बाद में Massachusetts Institute of Technology (MIT) से उन्होंने Aeronautics / Astronautics में पीजी और पीएचडी पूरी की है.
नासा में लंबे वक्त से काम कर रही हैं
मिशन मार्स और खास तौर पर पर्सीवरेंस रोवर से स्वाति शुरू से ही जुड़ी रहीं. पासाडेना में नासा की जेट प्रॉपल्शन यूनिट में उन्होंने काफी वक्त बिताया. इस दौरान कई स्पेस मिशन और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च किया. शनि यानी सैटर्न से जुड़े मिशन में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई है.