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बांग्लादेश के मुसलमानों ने वहां रहने वाले हिन्दुओं का जीवन नरक बना दिया है

बांग्लादेश के मुसलमानों ने वहां रहने वाले हिन्दुओं का जीवन नरक बना दिया है
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Bangladesh Hindus: बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा और बलात्कार की घटनाओं पर भारत सरकार चुप्पी साधे बैठी है

बांग्लादेशी हिन्दुओं का दर्द: बांग्लादेश के बहुसंखयक मुस्लमान यहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दुओं की जिंगदी नर्क से भी बदतर बना दी है, हर रोज़ किसी हिन्दू का कत्ल हो रहा है तो किसी हिन्दू महिला का रेप किया जा रहा है. बांग्लादेशी मुस्लमान हिन्दुओं के घर जला रहे हैं. नूपुर शर्मा के मामले में बांग्लादेश जैसे देश भारत को कोस रहे थे और जब यहां हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ रहा है तो भारत सरकार चुप्पी साधे बैठी हुई है। कोई भी नेता इस बारे में बात तक नहीं कर रहा है.

बीते दिनों बांग्लादेश के नरेल के सहपारा में मुस्लिम भीड़ ने जुमे की नमाज के बाद हिन्दुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया था, इस हिंसा का कारण सिर्फ इस्लामिक भावनाओं को आहत करने वाली सोशल मिडिया पोस्ट थी. मुस्लिम भीड़ ने बेक़सूर हिन्दुओं का रेप किया, उनका घर जलाया और हत्या के साथ उनके घरों को लूट लिया।

सड़क पर उतरे हिन्दू

बांग्लादेश के हिन्दू सब अपने खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर सड़क में उतर गए हैं, नरैल सहपारा में हिंदुओं पर बर्बर कट्टरपंथी हमले के विरोध में देशभर में विभिन्न हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. इससे पहले, बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कहा कि सरकार देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.

बांग्लादेश के मानवाधिकार आयोग ने गृहमंत्रालय को हमलों की जाँच करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि यह सब बातें सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए की जाती हैं. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार में यहां की इस्लामिक सरकार का भी पूरा सहयोग है. बांग्लादेश कहने को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है लेकिन यहां का माहौल किसी कट्टरपंथी इस्लामिक देश जैसा ही है जहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं का कत्लेआम होता है.

एक पोस्ट के कारण घर जला दिया

पता चला है कि नरेल के लोहागड़ा के सहपारा में कुछ लोगों ने 15 जुलाई को हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगा दी गई थी. भीड़ ने जुमे की नमाज के बाद घरों में आग लगाई, भीड़ ने जुमे की नमाज के बाद घरों में आग लगाई. हमले के बाद कहा गया था कि एक 18 वर्षीय व्यक्ति ने फेसबुक पर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. सोशल मीडिया पर गांव के 18 वर्षीय कॉलेज के छात्र आकाश साहा ने पोस्ट किया था. इसके बाद प्रदर्शनकारी जुमे की नमाज के बाद एकत्र हुए और हिन्दुओं के घरों में आग लगा दी साथ में पूरा सामान लूट लिया।

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