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MP News: प्रदेश में सरकारी स्कूलों से पहले शिशु मंदिरों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

Sanjay Patel
20 Nov 2022 3:12 PM IST
MP News: प्रदेश में सरकारी स्कूलों से पहले शिशु मंदिरों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
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प्रदेश में सरकारी स्कूलों से पहले संघ के सरस्वती शिशु मंदिरों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है। जबकि मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अभी यह शिक्षा नीति नहीं लागू हुई है।

MP Bhopal News: प्रदेश में सरकारी स्कूलों से पहले संघ के सरस्वती शिशु मंदिरों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी की जा रही है। जबकि मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अभी यह शिक्षा नीति नहीं लागू हुई है। यानी कि नए शैक्षणिक सत्र से सरस्वती शिशु मंदिरों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को पढ़ाई करवाई जाएगी। जिसके लिए बसंत पंचमी पर इसकी किताबें भी शिशु मंदिरों में पहुंच जाएंगी। वहीं सीबीएसई में भी अगले शैक्षणिक सत्र से ही यह नीति और उसके प्रावधान लागू किए जाएंगे। जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्याभारती द्वारा संचालित समस्त स्कूलों में अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगी।

तय हुई रूपरेखा

सरस्वती शिशु मंदिरों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम ढांचा भी जारी कर दिया जाएगा। बताया गया है कि किताबों में मध्यप्रदेश से जुड़े तथ्य भी शामिल होंगे। संघ के संगठन विद्याभारती की भोपाल में हुई कार्यशाला में इसकी रूपरेखा तैयार की गई। जिसमें संगठन के देश भर के 11 क्षेत्रों के संयोजक शामिल हुए। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गई थी। जिस पर आगामी शिक्षा नीति से इसे लागू करने पर भी विचार किया गया।

24 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन

विद्याभारती देश भर में 24 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन करती है। इन सरस्वती शिशु मंदिरों में 34 लाख से अघिक छात्र पढ़ाई करते हैं। बताया गया है कि 24 हजार स्कूलों में से 12 हजार 828 नियमित स्कूल हैं। जिनमें 4220 प्राइमरी, 5043 मिडिल, 2407 सेकंड्री और 1158 सीनियर सेकेंड्री शामिल हैं। इसके अलावा वनवासी अंचल और दूरदराज के क्षेत्रों में 11 हजार से अधिक अनौपचारिक स्कूल अलग से विद्या भारती द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। विद्याभारती के मध्यभारत प्रांत प्रमुख रामजी भावसार के अनुसार हमारा सबसे ज्यादा फोकस नेशनल कॉरिकुलम फ्रेमवर्क को शामिल करना और इन्फॉर्मेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नालॉजी को बढ़ाना है। इसके साथ ही स्थानीय भाषा और संस्कृति के साथ तथ्यों को सिलेबस में रखना भी है।

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