श्रीलंका से ज़्यादा तो भारत के कई राज्य कर्ज में डूबे हैं, सब फ्री वाली योजनाओं का नतीजा है
States of India are in debt: भारत में विधानसभा चुनाव विकास नहीं फ्री वाली योजनाओं के बूते जीते जाते हैं. कोई मुख्यमंत्री आरक्षण हवले की तरह बांटता है तो कोई फ्री बिजली, लैपटॉप, कूलर, बाइक देता है. जनता को तो सब फ्री में मिलता है लेकिन राज्य कर्ज में डूब जाते हैं. भारत के पडोसी देश श्रीलंका के साथ भी यही हुआ है.
श्रीलंका आर्थिक रूप से पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. वहां के लोग महंगाई, भुखमरी और आपातकाल से गुजर रहे हैं. सरकार गिरने वाली है और लोग देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं. श्रीलंका बड़े कर्ज में डूबा हुआ है लेकिन भारत के कुछ राज्य ऐसे हैं जो श्रीलंका से भी ज़्यादा कर्ज में लड़े हुए हैं.
श्रीलंका पर कितना कर्ज है
श्रीलंका की सरकार ने अपने लोगों को फ्री में खूब योजनाओं का लाभ दिया लेकिन सरकार ने अपनी इनकम पर ध्यान नहीं दिया। खर्च और आय में संतुलन बिगड़ गया और उसका नतीजा आपके सामने है. श्रीलंका को सिर्फ चीन को 7 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है, और अगले 5 सालों में 26 अरब डॉलर का कर्ज वापस लौटना है. लेकिन देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार के नामपर सिर्फ 2 अरब डॉलर हैं.
भारत के राज्यों पर कितना कर्ज है
भारत के कई बड़े राज्यों पर बड़ा कर्ज है. ये सबब फ्री वाली योजनाओं का नतीजा है. तमिलनाडु पर 6.6 लाख करोड़ का कर्जा है, महाराष्ट्र पर 6 लाख करोड़, पश्चिम बंगाल पर 5.6 लाख करोड़, राजस्थान पर 4.7 लाख करोड़ और पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
भारत सरकार और बड़े अधिकारीयों का कहना है कि राज्य सरकारें अगर लोकलुभावनी योजनाओं को जारी रखती हैं तो देश की हालत भी श्रीलंका जैसी हो जाएगी।