दूधेश्वरनाथ वेद विद्यापीठ के छात्र मोहित पांडेय होंगे अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी, तिरुपति से की थी आचार्य की पढ़ाई
अयोध्या में 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला का मंदिर अब बनकर तैयार है। भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने वाला है। मोहित पांडेय का चयन अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पुजारी के तौर पर हुआ है। मोहित गाजियाबाद स्थित प्राचीन श्री दूधेश्वरनाथ वेद विद्यापीठ मठ के पूर्व छात्र रह चुके हैं, उन्होने आचार्य की पढ़ाई तिरुपति से की है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या में पुजारी पद के लिए 3 हजार से अधिक लोगों के साक्षात्कार लिए गए थे। जिनमें 50 लोगों का चयन हुआ है। उनमें मोहित पांडेय भी शामिल हैं। सभी चयनित पुजारियों को छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद नियुक्ति होगी।
दूधेश्वरनाथ मंदिर उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले में स्थित है और उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के परिसर में ही दूधेश्वर वेद विद्यापीठ भी है। जहां देशभर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। वर्तमान समय में यहां 70 से अधिक विद्यार्थी सामवेद की शिक्षा ले रहें हैं। ऐसा मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं भगवान दूधेश्वरनाथ जल्द पूर्ण करते हैं. यही वजह है की मंदिर में केवल दिल्ली एनसीआर या पश्चिम उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और विदेश से श्रद्धालु आते हैं.
पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया भगवान दूधेश्वर की कृपा से मोहित पांडे का चयन भगवान राम की सेवा के लिए हुआ। यहां अब तक हजारों की संख्या में छात्र वेद और कर्मकांड की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ संस्थान में वेदों की शिक्षा दी जाती है। पिछले 23 सालों से विद्यार्थियों को वेद शिक्षा देने का सिलसिला जारी है।
कौन हैं मोहित पांडेय? (Who is Mohit Pandey?)
वेद विद्यापीठ के आचार्य लक्ष्मीकांत पाढ़ी ने बताया कि मोहित उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले के रहने वाले हैं। मोहित ने दूधेश्वरनाथ वेद विद्यापीठ में सात साल तक सामवेद की शिक्षा ली। सामवेद की शिक्षा पूरी होने के बाद आचार्य की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए। आचार्य की डिग्री लेने के बाद वह पीएचडी की तैयारी भी कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने राम मंदिर के पुजारी के लिए भी आवेदन किया था, जिसमें उनका चयन हो गया है।
दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने बताया कि यह पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। इससे पहले आचार्य तयोराज उपाध्याय और आचार्य नित्यानंद को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला है।